रायपुर। Good News : ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी कार्ड के लिए आवेदकों को अब परिवहन कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना नहीं पड़ रहा है। प्रदेशभर के आरटीओ कार्यालय में बनने वाले लाइसेंस और आरसी बुक की छपाई परिवहन विभाग द्वारा पंडरी स्थित पुराने परिवहन कार्यालय में शुरू कर दिया है। परिवहन विभाग अब तक 10,000 आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर सीधे आवेदक के घर स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज रहा है। इसकी शुरूआत होने से लाइसेंस लेने के लिए आरटीओ कार्यालय के फेरे नहीं लगाने पड़ रहे है। वहीं, एजेंटों से भी छुटाकारा मिल गया है।
ज्ञात हो कि प्रदेशभर के परिवहन कार्यालय से एक साल में तकरीबन दो लाख से अधिक लाइसेंस और आरसी कार्ड बनते हैं। वर्तमान में लर्निंग लाइसेंस आरसी के लिए आवेदक को आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। आवेदक द्वारा परिवहन कार्यालय की सारी प्रकिया पूरी करने के बाद आवेदक को लाइसेंस लेने के लिए कम से कम तीन से चार बार चक्कर लगाने पड़ते थे।
दरअसल, आरटीओ कार्यालय में किसी भी काम के लिए जाने पर नियम-कानून ऐसे बताए जाते हैं कि आवेदक दिन भर चक्कर लगाते-लगाते थक जाता था। इसके साथ ही आरटीओ कार्यालय में कभी बाबू नहीं आया है, तो कभी फाइल साहब के टेबल पर पड़ी है इस तरह से बहानों से दो चार हो इसलिए आवेदक परेशान होकर एजेंट का सहारा लेते हैं। एजेंट आवेदक की मजबूरी का फायदा उठाकर मोटी रकम वसूलते हैं। मगर, अब आवेदकों को घर बैठे लाइसेंस मिलने लगा है। परिवहन विभाग की इस सुविधा से लोगों को काफी राहत मिलने लगी है।
20 जून से शुरू हुई योजना
परिवहन विभाग ने इस व्यवस्था को 20 जून से शुरू किया है। इस नई व्यवस्था में एसएमएस की सुविधा दी गई है। पंडरी कार्यालय से जैसे ही लाइसेंस डिस्पैच हो रहा है, कुछ देर बाद आवेदक द्वारा भरे गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस मिल रहा है। उसी के साथ एक ट्रैकिंग आईडी भेजी जा रही है। आवेदक ट्रैकिंग आईडी के जरिये लाइसेंस कहां है, कब डिस्पैच हुआ है और कब उसके हाथ आएगा, आदि की जानकारी मिल रही है।
83 लोगों का नहीं मिला घर
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ साहू ने बताया कि 10,000 लोगों का लाइसेंस और प्रिंट अब तक भेजा गया है। जिसमें 83 लाइसेंस और आरसी बुक वापस लौट आए हैं। इसकी वजह है कि इन लोगों ने अपना मोबाइल नंबर और पता गलत दिया था जिस कारण इनका लाइसेंस वापस आ गया है।