नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। गांजा तस्करी करते बिलासपुर रेलवे स्टेशन में पिछले महीने पकड़े उप्र और मप्र के दो गांजा तस्करों के साथ जीआरपी के आरक्षकों की संलिप्ता पाई गई है। रेल एसपी जेआर ठाकुर ने जांच में दोषी पाए गए चार आरक्षकों को बुधवार बर्खास्त कर दिया। इसके आदेश जारी कर दिए गए है.
एसपी रेल जेआर ठाकुर ने बताया कि जीआरपी बिलासपुर की टीम ने मुखबीर की सूचना पर रेलवे स्टेशन बिलासपुर नागपुर छोर शौचालय के पास मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के हनुमानतल क्षेत्र के घमापुर,सिंधी कैंप निवासी योगेश सौंधिया और उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के बगेरू थानाक्षेत्र के ग्राम बोर्राव निवासी रोहित द्विवेदी को पकड़ा था। दोनों के कब्जे से पांच पैकेट में दो-दो किलो कुल दस किलो गांजा जब्त किया गया था।
पूछताछ में जीआरपी रायपुर इकाई तैनात आरक्षक क्रमांक 146 सौरभ नागवंशी, आरक्षक क्रमांक 202 मन्नू प्रजापति, आरक्षक क्रमांक 462 संतोष राठौर और आरक्षक क्रमांक 468 लक्ष्मण गाईन की गिरफ्तार तस्करों के साथ सांठगांठ और संलिप्तता का पर्याप्त साक्ष्य मिले थे। इसके बाद जीआरपी के अधिकारियों ने चारों आरक्षकों को 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा दिया।
गांजा तस्करी में जीआरपी के आरक्षकों की संलिप्ता की जांच उप पुलिस अधीक्षक रेल एसएन अख्तर ने की। उन्होंने जांच में पाया कि ट्रेन से जप्त किए गांजे को आरोपी योगेश सौंधिया, श्यामधर उर्फ छोटू के माध्यम से बेचकर आरक्षकों ने रकम नगद के साथ ही आनलाइन पैसे अपने बैंक खाते में जमा करवाया था। इस तरह से अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपराध और अपराधियों से आरक्षकों को संलिप्त पाया गया।