रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।
ठंड और त्योहार के दौरान कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका अधिक है, इसलिए शारीरिक दूरी का पालन, मास्क लगाना, साबुन से हाथ धोना जैसे बचाव के नियमों का पालन करना जरूरी है। अभी देखा गया है कि संक्रमण के मामले थोड़े कम हुए नहीं कि लोगों ने शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क लगाने व अन्य एहतियात बरतने में लापरवाही कर रहे हैं। इन गलतियों की वजह से कोरोना का विकराल रूप भी देखने को मिल सकता है। इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है। यह बातें राजधानी स्थित नईदुनिया मुख्यालय में आयोजित हेलो डाक्टर कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथि संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं व राज्य कोरोना नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डा. सुभाष पांडेय और राज्य कोरोना नियंत्रण के सर्विलेंस अधिकारी डा. धर्मेंद्र गहवई ने कही।
डा. पांडेय ने बताया कि राज्य में संक्रमण शहरी क्षेत्रों के बाद अब ग्रामीण अंचलों में पहुंच चुका है। इसके लिए हम घर-घर सर्वे करा रहे हैं, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य और बीमारियों से संबंधित जानकारी ली जा रही है। सर्वे सिर्फ कागजों तक सीमित न रहे, इसके लिए अधिकारी भी क्षेत्र में दौरा कर मानिटरिंग कर रहे हैं। प्रबंधन प्रक्रिया के लिए स्वास्थ्य विभाग की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी की गई है।
डा. गहवई ने बिस्तरों की समस्या को लेकर कहा कि कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में 30415 बिस्तर हैं। डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों में 3551 और 25560 बिस्तर कोविड केयर सेंटरों में हैं। आइसीयू बिस्तर राज्य में 406 हैं, जिसे जल्द बढ़ाने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में 17 जिला अस्पतालों इलाज चल रहा है। इलाज को डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में लाने के लिए आने वाले समय में प्रक्रिया की जाएगी।
एम्स हो या आंबेडकर अथवा निजी अस्पताल, इलाज से नहीं कर सकते मना
डा. पांडेय और डा. गहवई ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए शासकीय अस्पतालों में निजी से बेहतर व्यवस्था है। निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पैकेज तैयार है, उसी के तहत बिल लिया जाता है। बिल से संतुष्ट नहीं हैं तो शिकायत कर सकते हैं। निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज को ऐसा लगता है कि वह वहां का खर्च वहन नहीं कर सकते अथवा अन्य कारणों से शासकीय अस्पतालों में इलाज कराना है तो एम्स या आंबेडकर अस्पताल अथवा किसी भी शासकीय अत्पताल, जहां इलाज हो रहा है, सीधे जाकर बात कर सकते हैं। वहां अधिकारी समन्वय कर मरीजों के लिए इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे।
स्वास्थ्य विभाग इस रणनीति पर कर रहा काम
-अस्पतालों में जांच मशीनें, आइसीयू बिस्तर व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाएंगे।
-कोरोना को देखते हुए चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, लैब टेक्नीशियन की भर्ती जल्द।
-कोविड कंट्रोल कार्यक्रम के लिए अलग होगी विंग।
-कोविड केयर सेंटर, अस्पतालों की संख्या बढ़ाने पर चल रहा काम।
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जानें अपने चिकित्सकों के बारे में
नाम : डा. धर्मेंद्र गहवई
शिक्षा : एमबीबीएस (रायपुर मेडिकल कालेज), एमडी, कम्युनिटी मेडिसिन, (सिम्स)।
अनुभव व उपलब्धि : 14 वर्ष से शासकीय चिकित्सा सेवा में सक्रिय, ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय तक स्वास्थ्य सुविधाओं को किया दुरुस्त। कोरोना महामारी के बीच राज्य में सर्विलेंस व्यवस्था को मजबूत करने में मुख्य भूमिका।
पसंद : क्रिकेट खेलना, किताबें पढ़ना, फिल्म देखना व गाने सुनना।
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नाम : डा. सुभाष पांडेय
शिक्षा : एमबीबीएस (रायपुर मेडिकल कालेज), बाल एवं शिशुरोग विशेषज्ञ (डीसीएच, मुंबई)
अनुभव व उपलब्धिः 40 वर्षों से शासकीय चिकित्सा सेवा में सक्रिय, 19 साल तक राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान, पोलियो उन्मूलन व अन्य योजनाओं के प्रदेश स्तर पर संचालन में मुख्य भूमिका। राज्य में दवाओं के लिए कोल्ड चेन सिस्टम को दुरुस्त किया। राज्य कोविड कमांड सेंटर का दायित्व।
पसंद : लेखन, पुराने गाने सुनना व छत्तीसगढ़ी संगीतकला में रुचि।
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पाठकों के सवाल और डाक्टरों के जवाब
1. कई निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर अधिक बिल वसूल रहे हैं? -जयराम दुबे, रायपुर
जवाब : शासकीय अस्पतालों में इलाज की सुविधा निजी अस्पतालों से बेहतर है। जिन निजी अस्पतालों में को कोरोना इलाज की अनुमति मिली है, उनके लिए इलाज की दर तय है। यदि आपके पास ऐसे मामले हैं तो स्वास्थ्य विभाग को लिखित शिकायत करें, कार्रवाई होगी।
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2. निजी अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीज यदि शासकीय अस्पताल में इलाज कराना चाहे तो क्या करे?- तरुण शर्मा, रायपुर
जवाब : निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को शासकीय अस्पताल में इलाज कराने के लिए उस अस्पताल में जाकर बात करनी है या जिला स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से यह प्रक्रिया की जा सकती है। निजी अस्पताल भी रेफर करने के लिए शासकीय अस्पताल से चर्चा कर सकते हैं। मरीज को ले जाने के लिए 108 पर फोन कर एंबुलेंस निश्शुल्क बुलाई जा सकती है।
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3. संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए मदद न मिलने पर क्या करें? - अमित कुमार, कोरबा
जवाब : सरकारी टोल फ्री नंबर 104 पर शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए हर जिले में स्वास्थ्य विभाग का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, उनसे संपर्क कर सकते हैं।
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4. क्या संक्रमण ठंड और प्रदूषण से बढ़ेगा, इसके लिए किस तरह की सवाधानी बरतें? - विशाल चावला, रायपुर
जवाब : ठंड में प्रदूषण का असर भी अधिक होता है। देखा गया है कि त्योहारों में शारीरिक दूरी का पालन नहीं होता। इसे देखते हुए संक्रमण बढ़ने की आशंका अधिक है। इसके लिए आपको मास्क लगाना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, हाथ धोना व अन्य नियमों का पालन करना होगा। लक्षण नजर आने पर तुरंत चिकित्सकीय उपचार लेना उचित होगा।
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5. कोरोना से ठीक होने के बाद खांसी व कमजोरी जैसी समस्या है, क्या करूं? - राजेश कुमार, अभनपुर
जवाब : आप अस्पताल में जाकर जांच व इलाज कराएं। आमतौर पर कोरोना से स्वस्थ होने के बाद इस तरह की दिक्कत आती है। इलाज के बाद जरूर राहत मिलेगी। आंबेडकर अस्पताल में इसके लिए विशेष पोस्ट कोविड ओपीडी संचालित की जा रही है। वहां जाकर इलाज ले सकते हैं।
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6. एक बार संक्रमित होने के बाद फिर से संक्रमण हो सकता है? - सतीश जैन, धमतरी
जवाब : कोरोना से स्वस्थ होने के बाद यदि लक्षण नजर आते हैं तो वह डेड वायरस हो सकते हैं। इलाज व कुछ दवा लेने से राहत मिलती है। किसी संक्रमित या वायरस के संपर्क में आने पर ही दोबारा संक्रमित होंगे।
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7. स्वस्थ होकर घर आने के बाद बीमा के नाम पर आधार कार्ड और गरीबी रेखा का कार्ड मांग रहे हैं। क्या स्वास्थ्य विभाग बीमा करा रहा है? -सीताराम साहू, मठपुरैना
जवाब- कोरोना से ठीक होने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमा नहीं कराया जा रहा है। आपके पास कहीं से फोन आया है तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिलें। मोबाइल नंबर की जांच-पड़ताल होने पर ही इस तरह के मामले प्रकाश में आएंगे।
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8. एक से छह वर्ष के बच्चों में कोरोना के क्या लक्षण हैं?- जयराम ध्रुव, रायपुर
जवाब- कोरोना का लक्षण शुरुआती दौर में हल्का बुखार, सर्दी है। इसके बाद सांस लेने में दिक्कत और खाने में स्वाद नहीं आना आदि प्रमुख लक्षण हैं।
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9. ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी को लोग मजाक में ले रहे हैं, ऐसी स्थिति में जागरूकता कैसे लाई जा सकती है?- उमेश कुमार, सिमगा
जवाब- कोरोना वायरस को मजाक में नहीं लेना चाहिए। यह वायरस अभी घातक बना हुआ है। गांवों में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासन द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, होर्डिंग, पोस्टर लगाए जा रहे हैं। आप भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास करें, क्योंकि अभी प्रदेश में रोज एक हजार से अधिक केस आ रहे हैं।
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10. दीपावली के कारण अभी बाजारों में अत्यधिक भीड़ है। ऐसे में कोरोना के मामले अधिक आ सकते हैं। इसके लिए क्या करना चाहिए?- धीरज इंगेले, दुर्ग
जवाब- त्योहारी बाजार में भीड़ अधिक है, लोगों को शारीरिक दूरी का ख्याल रखना चाहिए। मास्क पहनें और हर पांच से 10 मिनट में सैनिटाइजर, साबुन से हाथ धोते रहें।
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