रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने चुनाव से पहले जनता से 36 वादे (जन घोषणा पत्र) किए थे। सरकार बनते ही जन घोषणा पत्र के वादों का क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है, इनमें कुछ प्रशासनिक हैं तो कई जन सरोकार के। सरकार का दावा है कि जन घोषणा पत्र में शामिल नौ वादों को सरकार ने 30 दिन में पूरा कर दिया है।
जनहित के कई ऐसे काम भी किए हैं, जिनका उल्लेखन जनघोषणा पत्र में नहीं था। सरकार जिन वादों को पूरा करने का दावा कर रही है उनमें कर्जमाफी, धान का समर्थन मूल्य बढ़ाना और झीरमकांड की जांच के लिए एसआइटी का गठन प्रमुख है।
कर्ज माफी, धान व तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य बढ़ाने से कृषि प्रधान इस राज्य के एक बड़े वर्ग को राहत मिली है। वहीं, छोटे प्लाटों की खरीद- बिक्री पर लगी रोक हटाने के फैसले से भी लोग खुश हैं, लेकिन अब वे बिजली बिल हाफ और संपत्तिकर में कमी जैसे वादों पर अमल का इंतजार कर रहे हैं।
पहली दो कैबिनेट
- 17 दिसंबर को नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई। इसमें सीएम और बाकी दो मंत्री थे। इसमें किसानों की कर्ज माफी, धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने और झीरमकांड की एसआइटी जांच, तीन फैसले हुए।
- 01 जनवरी को सरकार की कैबिनेट दूसरी बार बैठी। इसमें सीएम समेत सभी 12 मंत्री शामिल हुए। नान घोटाले की एसआइटी जांच, शराबबंदी के अध्ययन के लिए कमेटी व अनुपूरक बजट को अनुमोदन समेत अन्य फैसले हुए।
कर्ज माफी
राज्य के 16 लाख से अधिक किसानों के 6100 करोड़ स्र्पये से अधिक के अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने की घोषणा सरकार ने की है।
धान का समर्थन मूल्य
धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। केंद्र ने 1770 स्र्पये समर्थन मूल्य तय कर रखा है। बाकी राशि राज्य सरकार दे रही है।
तेंदू पत्ता संग्रहकों की पारिश्रमिक
तेंदूपत्ता संग्रहकों की पारिश्रमिक 2500 से बढ़कार चार हजार स्र्पये प्रति मानक बोरा करने का ऐलान मुख्यमंत्री ने किया है।
लौटाई गई टाटा की जमीन
बस्तर के लोहांडीगुड़ा में टाटा से लिए अधिग्रहित 10 गांव के 1709 किसानों की 5000 एकड़ वापस करने का सरकार ने फैसला किया है।
वन अधिकार पट्टा
सरकार ने 13 दिसंबर 2005 के पूर्व के काबिज वनवासियों को वन अधिकार पट्टा दिया जाएगा। पट्टे व्यक्तिगत एवं सामुदायिक रूप से काबिज पात्र वनवासियों को मिलेंगे।
प्राधिकरण में विधायक अध्यक्ष
बस्तर-सरगुजा प्राधिकरण की अध्यक्षता स्थानीय विधायक करेंगे। इन दोनों प्राधिकरणों में अब तब अध्यक्ष मुख्यमंत्री रहते थे।
जमीन की रजिस्ट्री नियम में बदलाव
सरकार ने छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर लगी रोक को हटा दिया है। पहले 2178 वर्ग फीट से कम जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो रही थी।
झीरम के लिए एसआइटी
बस्तर के झीरमघाटी में 2013 में कांग्रेस नेताओं पर हुए नक्सली हमले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है।
नान घोटाला के लिए एसआइटी
करोड़ों रुपए के नान घोटाले की जांच के लिए भी सरकार ने एसआइटी का गठन किया है। एसआइटी ने काम शुरू कर दिया है।
आयुष्मान योजना से किनारा
केंद्र की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान से राज्य सरकार ने किनारा कर लिया है। सरकार ने योजना से अगल होने का ऐलान कर दिया है।
डीएमएफ की समीक्षा
सरकार ने जिल खनिज निधि के दुस्र्पयोग के संदेह में खनिज संस्थान न्यासों को भंग कर दिया है। सरकार अब तक हुए खर्च की समीक्षा कर रही है।
सहायक प्राध्यापक भर्ती
सरकार ने राज्य के कॉलेजों में खाली पड़े सहायक प्राध्यापकों को 1384 पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी है। भर्ती पीएससी के माध्यम से होगी।
चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई
चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लेने का फैसला सरकार ने किया है। लेकिन कंपनियों पर कार्रवाई होगी।
राजिम अब फिर माघी पुन्नी मेला
राजिम (कल्प) का नाम बदलकर फिर से माघी पुन्नी मेेेेला कर दिया गया है। इसके लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया गया था।
पत्रकार सुरक्षा कानून
राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसका मकसद पत्रकारों को प्रताड़ना से बचाना है।
सरकारी खर्चों में मितव्ययिता
सरकार ने सरकारी खर्च में मितव्ययिता के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सीएम ने अपने काफिले में वाहनों की संख्या कम करा दी है।
ई- टेंडरिंग घोटाला
ईओडब्ल्यू को- ई- टेंडरिंग में हुए घोटाले की जांच सरकार ने ईओडब्ल्यू को सौंप दी है। इसका खुलासा नियंत्रक महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में हुआ था।
ज्वाइनिंग पर रोक
सरकार ने नगरीय प्रशासन विभाग में लेखापाल, राजस्व निरीक्षक और स्वच्छता निरीक्षक के पदों पर नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियाों की ज्वाइनिंग रोक दी है।
मोबाइल वितरण पर रोक
पूर्ववर्ती सरकार की मोबाइल वितरण पर सरकार ने रोक लगा दी है। बचे हुए मोबाइल फोन कंपनी को वापस करने का फैसला किया गया है।
राज्य में सीबीआई पर रोक
सरकार ने राज्य में सीबीआई पर रोक लगा दी है। इस संबंध में 2001 में केंद्र को दी गई समहमति भी राज्य सरकार ने वापस ले ली है।
मंत्रिमंडल के विस्तार का संकल्प पारित
राज्य मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 13 से बढ़कार 18 करने का संकल्प विधानसभा में पारित किया गया है।
आदिवासियों पर दर्ज मुकदमों की समीक्षा
नक्सल समर्थक होने के आरोपों में जेल में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा की जाएगी।
नौकरशाही में बदलाव
सत्ता में आते ही सरकार पहले डीजीपी को बदला। वहीं, नए वर्ष के दूसरे ही दिन मुख्य सचिव को भी हटा दिया।
प्रशासनिक सर्जरी
सरकार गठन के पहले ही सप्ताह में सरकार ने बड़ी प्रशासिनक सर्जरी करते हुए 42 आइएएस अफसरों का प्रभार बदल दिया।
मंत्रियों के जिम्मे निगम-मंडल
राज्य के सभी निगम- मंडलों की कमेटियां को सरकार ने भंग कर दिया है। इसके साथ ही अध्यक्ष की जिम्मेदारी विभागीय मंत्रियों को सौंप दी गई है।
शिक्षण समितियां भंग
सरकार ने स्कूल की शाला प्रबंधन समिति और कॉलेजों की भागीदारी समितियों को भंग कर दिया है।
निर्माण कार्यों पर रोक
सरकार ने अधूरे पढ़े और बजट स्वीकृति के बाद भी अब तक शुरू नहीं हुए सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है।
दीनदयाल की तस्वीर पर रोक
पं. दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर वाले सरकारी पत्रों पर भी रोक लगा दी गई है। तस्वीर पर स्टीकर या सफेदा लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
इनकी हो रही समीक्षा
मीसा बंदी पेंशन
आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे मीसा बंदियों को पूर्ववर्ती सरकार 2500 स्र्पये पेंशन दे रही थी। कांग्रेस सरकार इसकी समीक्षा कर रही है।
बड़े प्रोजेक्ट्स
पूर्ववर्ती सरकार के बड़े प्रोजेक्ट्स के फैसलों की कांग्रेस सरकार समीक्षा कर रही है। सरकार का इरादा गैर जस्र्री कामों पर रोक लगाने का है।
इन वादों पर फैसले का इंतजार
बिजली बिल
कांग्रेस ने बिजली बिल हाफ करने का वादा किया है, जनता इस पर अमल का इंतजार कर रही है।
संपत्ति कर
चुनाव घोषणा पत्र में नगरीय निकायों में लगने वाले संपत्ति कर को भी कम करने का वादा किया गया है।
जनादेश पांच वर्ष का
घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार के पास अभी भरपूर समय है। मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि जनादेश पांच वर्ष के लिए मिला है और जनघोषणा पत्र में किए गए वादे भी पांच वर्ष मंे ही पूरे करने हैं। सीएम भूपेश बार- बार दावा कर रहे हैं कि सरकार अपना हर वादा पूरा करेगी।
सरकार का गठन
17 दिसंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बघेल के साथ उनके दो सहयोगी मंत्रियों टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने भी शपथ ली।
मंत्रिमंडल का विस्तार
25 दिसंबर को मुख्यमंत्री बघेल ने अपने मंत्रिमंडल का वितस्तार किया। इसमें नौ मंत्रियों ने शपथ ली। इससे मंत्रिमंडल में अब मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री हो गए हैं। एक पद अभी खाली है।