Dog Bite Cases In Raipur: डाक्टर के कार से उतरते ही कुत्तों ने नोचा, राजधानी में कम नहीं हो रहीं घटनाएं, निगम ने साधी चुप्पी
Dog Bite Cases In Raipur: निगम का अमला जब कोई घटना होती है, तब सक्रिय हो जाता है, लेकिन इसके बाद वापस से सुस्त गति में चला जाता है। इसकी वजह से लोग आए दिन परेशान होते जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद निगम अमला इसे लेकर गंभीर नहीं।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Sat, 25 Nov 2023 08:48:32 AM (IST)
Updated Date: Sat, 25 Nov 2023 08:55:05 AM (IST)
कुत्तों के नोंचने से डाक्टर के पैरों में जख्म के निशान। स्वयं HighLights
- शहर की सड़कों से लेकर कालोनी, मोहल्लों और सोसायटियों में बढ़ा कुत्तों का आतंक।
- लोगों द्वारा सूचना देने के बावजूद निगम का अमला चुप्पी साधे हुए है।
- रोजाना 20 से 25 नए मामले डाग बाइट के सामने आ रहे हैं।
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।Dog Bite Cases In Raipur: राजधानी के मेडिकल कालेज में पदस्थ एक डाक्टर को कुत्तों ने नोचकर घायल कर दिया। मेडिकल कालेज के पैथोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा अरविंद नेरल किसी काम को लेकर शुक्रवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे कटोरा तालाब गए थे। स्वप्निल नर्सिंग होम्स के सामने चारपहिया वाहन से उतरकर आगे बढ़ते ही चार-पांच कुत्तों ने उन्हें घेर लिया।
वे कुछ समझते, संभलते, इसके पहले कुत्तों ने पैरों में काटना शुरू कर दिया। डा अरविंद नेरल को आसपास खड़े लोगों ने बचाया। डा नेरल के पैरों पर कुत्तों ने चार जगह नोचा है। डा अरविंद नेरल ने बताया कि वे कार से जैसे ही उतरे, कुत्तों ने घेर लिया। वे चुपचाप धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे, इसी दौरान कुत्तों ने काटना शुरू कर दिया। आंबेडकर अस्पताल में उन्होंने इलाज कराया है।
रायपुर मेंं बढ़ते जा रहा कुत्तों का आतंक
गौरतलब है कि शहर की सड़कों से लेकर कालोनी, मोहल्लों और सोसायटियों ने खूंखारों का आतंक बढ़ता जा रहा है। हैरानी कि बात है कि लोगों द्वारा सूचना देने के बावजूद निगम का अमला चुप्पी साधे हुए है। विगत चार दिनों पहले गुढ़ियारी क्षेत्र के गुलमोहर सोसायटी में ढाई साल की बच्ची को कुत्तों ने नोचकर जख्मी कर दिया था।
प्रतिदिन 20 से अधिक आ रहे नए मामले
आंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों के आंकड़ों के अनुसार रोजाना 20 से 25 नए मामले डाग बाइट के सामने आ रहे हैं, जबकि निगम द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 16 कुत्तों का बधियाकरण किया जाता है, लेकिन इस हिसाब से रोजाना आठ से दस लोग अतिरिक्त इसका शिकार हो रहे हैं।
निगम गंभीर नहीं
वहीं निगम का अमला जब कोई घटना होती है, तब सक्रिय हो जाता है, लेकिन इसके बाद वापस से सुस्त गति में चला जाता है। इसकी वजह से लोग आए दिन परेशान होते जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद निगम का अमला इसे लेकर गंभीरता नहीं बरत रहा है।