Controversy Over Children Magazine Killol: किलोल का संपादक होने पर गर्व, अफसरी की आड़ में नहीं करता धंधा: शुक्ला
Controversy Over Children Magazine Killol: आइएएस आलोक शुक्ला पर अफसरी की आड़ में धंधा करने का आरोप लगाया जा रहा। आइएएस ने इसका जवाब दिया।
By Azmat Ali
Edited By: Azmat Ali
Publish Date: Wed, 19 May 2021 08:33:32 AM (IST)
Updated Date: Wed, 19 May 2021 08:33:32 AM (IST)
रायपुर, राज्य ब्यूरो। Controversy Over Children Magazine Killol: बच्चों के लिए मुफ्त पत्रिका किलोल का संचालन कर रहे आइएएस आलोक शुक्ला पर अफसरी की आड़ में धंधा करने का आरोप लगाया जा रहा था। इन आरोपों के बीच आइएएस शुक्ला ने करारा जवाब दिया है। शुक्ला ने कहा कि किलोल पत्रिका का संपादक मैं ही हूं और मुझे इसका गर्व है। इसे एक वेब पत्रिका के रूप में दिसंबर 2016 में प्रारंभ की थी, जब सरकार में मेरे पास कोई भी प्रभार नहीं था।
इसे मैंने कड़ी मेहनत से खड़ा किया और यह पत्रिका बच्चों और शिक्षकों दोनों के बीच खासी लोकप्रिय हो गई। मैंने पत्रिका से कोई धन नहीं कमाया, बल्कि उस पर कुछ जेब से खर्च ही किया है। आज कल काम अधिक हो जाने के कारण पत्रिका का मालिकाना हक विंग्स टू फ्लाई नामक संस्था को ट्रांसफर कर दिया है।
शुक्ला ने बताया कि पत्रिका के प्रति प्रेम के कारण आज भी किलोल का अवैतनिक प्रधान संपादक हूं। इस पत्रिका में न केवल छत्तीसगढ़ के बल्कि अन्य प्रदेश के लेखक भी अपनी रचनाएं भेजते हैं। कागज पर छपी पत्रिका प्रदाय करने के लिए सदस्यता शुल्क लिया जाता है, लेकिन पीडीएफ और ई-बुक के रूप में सभी के लिए निश्शुल्क उपलब्ध है। शुक्ला ने कहा कि किलोल की वेबसाइट का संचालन किया जाता है, इसलिए वेबसाइट की प्राइवेसी पालिसी में मेरा ई-मेल पता दिया गया है।
किलोल के माध्यम से मिला बच्चों का प्यार
शुक्ला ने कहा कि किलोल के माध्यम से मुझे बहुत से बच्चों और शिक्षकों का प्यार मिला है और आंतरिक खुशी मिली है। किलोल को धंधा कहने वाले, न तो बाल-साहित्य के बारे में जानते हैं और न ही बच्चों तथा शिक्षकों की आवश्यकताओं को समझते हैं। प्रेम, सद्भाव जैसे शब्द तो शायद उन्होंने सुने ही नहीं हैं। जो स्वयं धंधेबाज हैं, उन्हें ही हर चीज में धंधा नजर आता है।