रायपुर। रायपुर से भिलाई के बीच खस्ताहाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन सुचारू बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने सक्रियता दिखाई है। पिछले कई महीनों से बमुश्किल आधे घंटे की दूरी तय करने के लिए लोगों को तीन से साढ़े तीन घंटे के जाम से जूझना पड़ रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए विभागीय मंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश पर विभागीय अधिकारी द्वारा किए गए प्रयास के सकारात्मक परिणाम आएंगे और प्रदेश के दोनों प्रमुख शहरों के लोग राहत की सांस लेंगे।
रायपुर के टाटीबंध से भिलाई के नेहरू नगर चौक तक 26.8 किलोमीटर की दूरी में चार फ्लाईओवर निर्माणाधीन हैं। यह बेहतर भविष्य की तैयारी है, परंतु वर्तमान पीड़ादायक हो गया है। सर्विस लेन पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण दुकानदारों ने भी कब्जे कर रखे हैं। इसकी वजह से पूरे दिन जगह-जगह जाम लगा रहता है। निर्माण शुरू होने के बाद के 36 महीनों में इस मार्ग पर 109 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर विभागीय मंत्री ताम्रध्वज साहू और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे तक दुर्ग जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं और राजधानी रायपुर उनका मुख्य कार्यक्षेत्र है। आम लोगों की समस्या पर ससमय ध्यान नहीं दिए जाने के कारण हाल के दिनों में विरोध प्रदर्शनों में भी तेजी आई है। कभी महिलाएं गड्ढों में कैटवाक कर रही हैं, रंगोली बना रही हैं तो कभी हजामत बनाई जा रही है।
इन सबके बीच जरूरी है कि फ्लाईओवर निर्माण की गति बढ़ाई जाए और सर्विस रोड को ठीक किया जाए। पीडब्ल्यूडी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने सड़क का जायजा लेने के साथ जाम की वजह बने चारों फ्लाईओवरों का काम अगस्त, 2022 तक पूरा करने को कहा है। इसका फायदा हुआ है कि सड़क मरम्मत में लगे श्रमिकों की संख्या चार गुना बढ़ा दी गई है।
अगले 15 से 20 दिनों में कुम्हारी फ्लाईओवर का उपयोग शुरू हो जाने से भी छोटे वाहनों की गति तेज होगी। नियमित निगरानी हो, ताकि निर्माण की गति शिथिल न हो। ऐसी ही स्थिति राज्य में अन्य मुख्य मार्गों की भी है। लोग तरह-तरह से विरोध दर्ज करा रहे हैं। जांजगीर-रायगढ़ हाईवे पर गड्ढों के विरोध में लोगों ने पितृ पक्ष में पिंडदान कर विरोध जताया है।
इसी तरह कटघोरा-रतनपुर, जशपुर हाईवे भी खस्ताहाल हैं। गडमा-माकड़ी और रायपुर-धमतरी फोरलेन मार्ग भीलंबे समय से निर्माणाधीन हैं और अंतहीन समस्या बन चुके हैं। मानसून समाप्त हो रहा है। अब निर्माण की धीमी गति के लिए मौसम का बहाना नहीं चलेगा। प्रदेश सरकार को पुरजोर दबाव बनाना होगा कि एनएचएआइ और संबंधित विभाग प्राथमिकता के आधार पर इन मार्गों को ठीक कराएं।