रायपुर, राज्य ब्यूरो। Agriculture Reform: राज्य में खेती को लाभदायक बनाने के लिए विचार मंथन का दौर शुरू हो गया है। इसके लिए गठित टास्क फोर्स की शुक्रवार को नवा रायपुर स्थित योजना भवन में बैठक हुई। इस टास्क फोर्स का गठन राज्य योजना आयोग ने किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता में गठित इस टास्क फोर्स में प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों, समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों को शामिल किया गया है।
बैठक में प्रदीप शर्मा ने उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करते हुए समग्र ग्रामीण विकास की अवधारणा पर जोर दिया। उन्होंने प्रदेश में मत्स्य पालन की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मत्स्य पॉलिसी और एक्वाकल्चर विलेज के विकास की आवश्यकता बताई। गोठान समिति की सक्रिय भागीदारी के लिए लगातार प्रोत्साहन और क्षमता विकास की आवश्यकता बताई।
सदस्य सचिव अनूप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य में ऑर्गेनिक और नेचुरल फॉर्मिंग को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन प्रोक्योरमेंट पॉलिसी का निर्धारण किया जाना उचित होगा। कृषि संचालक यशवंत कुमार ने प्रभावी विपणन के लिए ई-कॉमर्स सुविधा विकसित किए जाने पर जोर दिया। उद्यानिकी संचालक माथेश्वरण ने उद्यानिकी फसलों के लिए पोस्ट हॉर्वेस्ट प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन की आवश्यकता बतलाई। डॉ. जीवी रामनजानेयुलु ने कहा कि राज्य में ऑर्गेनिक उत्पादन की बहुत संभावना है।
राज्य में वृहद जैव विविधिता होने से नए प्रोडक्ट लाने की अत्यंत संभावनाएं है। डॉ. कविता कुरूगांती ने बताया कि एग्रीकल्चर एक्सटेंशन के लिए सामुदायिक स्तर पर मानव संसाधन तैयार किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने नरुवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी की प्रशंसा करते हुए ग्रामीण संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए और आजीविका के लिए उपयोगी बताया।
आइआइएम बेंगलुरु के प्रो. त्रिलोचन शास्त्री ने सहकारिता को सुदृढ़ करते हुए बेहतर विपणन प्रणाली विकसित कर किसानों को उनके उत्पाद का अधिकाधिक मूल्य प्राप्ति की संभावना पर प्रयास करने की आवश्यकता बतलाई। जेएनयू के प्रो. हिमांशु ने कृषि के उन क्षेत्रों में प्राथमिकता से निवेश को आवश्यक बताया, जिससे किसानों को अधिकाधिक लाभ हो। साथ ही पर्यावरण व पारिस्थितिकी के अनुकूल हो।