रायपुर, राज्यब्यूरो। Hot Spring Parade: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हाट स्प्रिंग परेड में पहली बार छत्तीसगढ़ के आइपीएस शामिल होंगे। 21 अक्टूबर 1959 में बर्फीले चट्टानों की ओट लेकर सीआरपीएफ जवानों पर चीनी सैनिकों के धोखे से हमला किया था। इस हमले की याद में आयोजित हाट स्प्रिंग परेड में पहली बार छत्तीसगढ़ के किसी आइपीएस का चयन किया गया है। नारायणपुर की 16वीं बटालियन के कमांडेंट आइपीएस जितेंद्र शुक्ला प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। आजाद भारत के सबसे बड़े हमले की याद में देशभर के सुरक्षा बलों के चुनिंदा अफसरों को सलामी देने के लिए चुना जाता है। परेड में शामिल होने के लिए शुक्ला 24 अगस्त को चंडीगढ़ पहुंचेंगे।
24 अगस्त से नौ सितंबर के बीच शहादत समारोह में सलामी देकर शुक्ला प्रदेश का गौरव बढ़ाएंगे। जितेंद्र सुकमा, महासमुंद और राजनांदगांव जिले के एसपी की कमान संभाल चुके हैं। वर्तमान में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात हैं। शुक्ला की गिनती नक्सल विरोधी अभियान के काबिल अफसरों के रूप में होती है। अब तक प्रदेश से किसी भी आइपीएस का चयन इस परेड के लिए नहीं हुआ था।
कुछ साल पहले प्रदेश के सुकमा के एक उपनिरीक्षक को परेड में शामिल होने का मौका मिला था। इस परेड के लिए देश के चुनिंदा पुलिस अधिकारियों का चयन केंद्र सरकार की निगरानी में गठित कमेटी करती है। इसके लिए राज्यों से नामांकन भेजा जाता है। प्रदेश सरकार ने जितेंद्र शुक्ला के साथ डिप्टी एसपी गिरजा शंकर साव का नाम भी भेजा था। गिरीजा शंकर को रिजर्व अफसर के रूप में रखा गया है।
हाट स्प्रिंग का अर्थ गरम पानी का चश्मा
हाट स्प्रिंग का ऐतिहासिक तिब्बती नाम क्याम है। भारत के लद्दाख क्षेत्र की चांग चेनमो घाटी में स्थित है। यह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित कोंगका दर्रा से तीन किमी पश्चिम में है। कोंगका दर्रे के पार अक्साई चिन है, जो चीन के कब्जे में है, लेकिन इस पर भारत अपनी संप्रभुता मानता है। हाट स्प्रिंग का अर्थ गरम चश्मा है, क्योंकि यहां एक गरम पानी वाला चश्मा है।
हाट स्प्रिंग में बनाया गया था पुलिस स्मारक
हाट स्प्रिंग में भारत तिब्बत सीमा पुलिस की एक चौकी है। वर्ष 1959 में कोंगका दर्रे पर भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को दर्रे के समीप एक खेमा बनाने के आदेश दिया गया था। खेमे के निर्माण के दौरान वहां पहुंचे कुछ पुलिसकर्मियों को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (सेना) के सैनिकों के बंदी बना लिया। बाद में पुलिस गोलीबारी में दस जवान शहीद हुए थे। 1960 के दशक में हाट स्प्रिंग में एक पुलिस स्मारक बनाया गया था।