रायपुर। Chhattisgarh State Power Transmission Company: छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के 132 केवी और 220 केवी के सब स्टेशनों को चलाने के लिए जिस निविदा के आधार पर काम कराया जा रहा है, वह विवादों में है। छत्तीसगढ़ संपूर्ण विद्युत ठेकेदार महासंघ दुर्ग ने चेयरमैन को शिकायत की है। इसमें सीधे आरोप लगाया गया है कि मैन पावर कार्य की निविदा में अनियमिताओं से करोड़ों रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
आरोप है कि आउट सोर्सिंग के जरिए सब स्टेशनों के काम कराने के लिए निविदा की शर्तें पहले से कार्य कर रहे ठेकेदारों के मापदंड पर बनाए गए हैं, ताकि उन्हीं की मोनाेपाली चल सके। अधिक दर पर कार्य कराकर करोड़ों रुपये की अनिमितता की जा रही है। बताया जाता है कि पिछले 12 साल से विभाग में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य अभियंता आरसी अग्रवाल एक ही जगत पर पदस्थ हैं और वे ही नियमों को बना रहे हैं।
ऐसे किया जा रहा है भुगतान
प्रदेश में करीब 500 अ श्रेणी के कांस्ट्रेक्टर हैं। आपरेशन निविदा में प्राइस बिड मैन पावर कलेक्टर दर पर केवल लाभांश उल्लेखित है। कलेक्टर दर पर वेतन का भुगतान ठेकाकर्मी उपलब्ध कराना कार्य है। मैन पावर आउटसोर्सिंग करके उपलब्ध कराया जाता है, जिसको वेतन बेस आधार पर कार्य करवाकर ठेकेदार के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। पूर्व दरों के अंतर्गत प्राइस बीट में लाभांश 132 केवी के सब स्टेशन में तीन हजार रुपये प्रति कर्मचारी और 220 केवी के सब स्टेशनों में चार हजार रुपये दिया जा रहा है।
इसी तरह सुरक्षा गार्ड के लिए यही लाभांश सुनिश्चित है। शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र में लाभांश का एक ही दर है। कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने चेयरमैन से मांग की है कि अ श्रेणी के ठेकेदारों और मैन पावर उपलब्ध अनुभव के आधार पर और भी कांट्रेक्टर प्रदेश में बेरोजगार है, उन्हें प्रतिस्पर्धा में मौका देना चाहिए। अधिक से अधिक कांट्रेक्टर आने से सही रेट पर कार्य की राशि मान्य होगा।
जानिए जिम्मेदारों का पक्ष
'132 केवी और 220 केवी के सब स्टेशनों को चलाने के लिए अलग-अलग तकनीक की जरूरत है इसलिए अलग-अलग शर्तें हैं, इसमें जो आवश्यक सुधार होगा किया जाएगा।'
- अंकित आनंद, चेयरमैन, राज्य विद्युत कंपनी
'विवाद नहीं है, जिनको काम नहीं मिलता है वे नियमों में संशोधन की मांग करते हैं। सब स्टेशनों के गुणवत्ता व रखरखाव के लिए पिछले 15 साल से निविदा के आधार पर काम कराया जा रहा है। इसमें आवश्यक संशोधन कर रहे हैं।
-अशोक कुमार, एमडी, एमडी, स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी, रायपुर