Chhattisgarh Liquor prohibition committee: शराबबंदी की कमेटी ने कहा- कम करें शराब की दुकान, नशामुक्ति के लिए चलाएं अभियान
Chhattisgarh Liquor prohibition committee: पूर्ण शराबबंदी होने की स्थिति में जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत को पुरस्कार देने का सुझाव।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Wed, 25 Aug 2021 05:32:12 PM (IST)
Updated Date: Wed, 25 Aug 2021 05:32:12 PM (IST)
Chhattisgarh Liquor prohibition committee: रायपुर। नईदुनिया, राज्य ब्यूरो, छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी के लिए बनी राजनीतिक कमेटी की बैठक में शराब की दुकान कम करने और नशामुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बाहरी प्रदेश में अध्ययन के लिए दल भेजा जाएगा। बिहार, गुजरात, नगालैंड, मिजोरम और लक्ष्यद्वीप के शराबबंदी माडल का अध्ययन किया जाएगा। बैठक में विधायकों ने शराबबंदी के लिए सामाजिक अभियान चलाने पर जोर दिया।
नशामुक्ति के लिए शराब के दुष्प्रभावों के संबंध में जन-चेतना अभियान चलाने का सुझाव आया। गांव के साप्ताहिक हाट-बाजारों में नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरूक करने का भी निर्णय लिया गया। शासकीय भवनों पर वाल राइटिंग कराने, स्वच्छ भारत मिशन की तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी होने की स्थिति में जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत को पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए जाने के सुझाव भी दिए गए।
सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि बैठक में शराबबंदी के बाद पेश आने वाले सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर बातचीत हुई। आदिवासी क्षेत्रों में जनजातियों के लिए शराब रखने की छूट की सीमा पर भी बात हुई। राज्य सरकार पूर्ण शराबबंदी करना चाहती है। इसके लिए जन स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक और कानून व्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। सदस्यों ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लिए अपने-अपने सुझाव दिए।
आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर और तमिलनाडु जैसे राज्य जहां पहले पूर्ण शराबबंदी की गई थी और बाद में शराब की बिक्री बहाल की गई, उनका अभी अध्ययन कराने का फैसला हुआ है। बैठक में विधायक शिशुपाल सोरी, द्वारकाधीश यादव, दलेश्वर साहू, पुरुषोत्तम कंवर, कुंवर सिंह निषाद, उत्तरी जांगड़े, रश्मि सिंह और संगीता सिन्हा के साथ आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
विकल्प के नाम पर बहानेबाजी कर रही सरकार: कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार शराबबंदी के नाम पर गंभीर नहीं है। अब अध्ययन का विकल्प बताकर बहानेबाजी कर रही है। जब भी पूर्ण शराबबंदी की बात होती है, तो कांग्रेसियों के पास कोई जवाब नहीं होता है। शराबबंदी पर अंतिम फैसला लेना है, तो राज्यों में अध्ययन दल भेजे की बात कही जा रही है। इसमें सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर चर्चा कर प्रदेश की सरकार केवल मात्र बहानेबाजी कर रही है। इसका कोई परिणाम नहीं आने वाला है।
सरकार के पास में शराबबंदी को लेकर कोई नीति नहीं है। अब केवल कुछ प्रदेशों में अध्ययन के नाम पर दल भेजने का काम ही बच गया है। शराबबंदी के मुद्दे पर जब समूचा विपक्ष मजबूती से आवाज उठा रहा है, तब प्रदेश सरकार तथ्यहीन बातें कर सियासत करने में लगी हुई है।