Chhattisgarh: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने आरक्षण के लिए जाति जनगणना को बताया जरूरी, केंद्र से पूछा: जब बाघों-हाथियों की गिनती हो सकती है तो जाति जनगणना क्यों नहीं?
चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा कोई एक माडल नहीं है जो पूरे भारत में लागू हो। जो एक माडल, एक राशन कार्ड, एक चुनाव, एक यह और एक वह में विश्वास करता है, वह नरेन्द्र मोदी हैं।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Mon, 30 Oct 2023 08:54:02 AM (IST)
Updated Date: Mon, 30 Oct 2023 08:56:13 AM (IST)
रायपुर। (राज्य ब्यूरो)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर कोई आरक्षण का समर्थन करता है तो जाति जनगणना जरूरी है क्योंकि इससे समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कोटा प्रक्रिया तय करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि जब बाघों और हाथियों की गिनती की जा सकती है, तो देश में जाति जनगणना क्यों नहीं हो सकती? चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में रविवार को पत्रकारवार्ता ले रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें पता होना चाहिए कि कितने लोग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, गैर पिछड़ा वर्ग से हैं।
बिना डेटा के आरक्षण कैसे निर्धारित होगी?
बिना डेटा के हम आरक्षण कैसे निर्धारित कर सकते हैं? यदि आप आरक्षण का समर्थन करते हैं, तो आपको जाति गणना का भी समर्थन करना चाहिए। किसानों के लिए ऋण माफी की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि अगर कृषि को टिकाऊ बनाए रखना है तो उसे लाभदायक बनाना होगा।
पीएम मोदी पर साधा निशाना
चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा कोई एक माडल नहीं है जो पूरे भारत में लागू हो। जो एक माडल, एक राशन कार्ड, एक चुनाव, एक यह और एक वह में विश्वास करता है, वह नरेन्द्र मोदी हैं। मैं इसमें विश्वास नहीं करता। प्रत्येक राज्य की अलग-अलग परिस्थितियां हैं। अलग-अलग जरूरतें हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नक्सली हिंसा में गिरावट का बड़ा श्रेय भूपेश बघेल सरकार को जाना चाहिए।