Chhattisgarh Fake Doctor: छत्तीसगढ़ में फर्जी दस्तावेजों के सहारे पंजीयन कराने को पहुंच रहे डाक्टर
Chhattisgarh Fake Doctor: छत्तीसगढ़ में 1616 बाहरी आयुर्वेद डाक्टरों ने कराया है पंजीयन, आयुर्वेद बोर्ड सभी के पंजीयन की करेगा जांच, सूची बनाई।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Tue, 31 Aug 2021 07:05:00 AM (IST)
Updated Date: Tue, 31 Aug 2021 07:05:30 AM (IST)
Chhattisgarh Fake Doctor: आकाश शुक्ला. रायपुर। छत्तीसगढ़ में फर्जी डिग्रीधारी आयुर्वेद डाक्टरों के मामले सामने आने के बाद राज्य आयुर्वेद बोर्ड सख्त हो गया है। बोर्ड दूसरे राज्यों में पढ़े और दूसरे राज्य से आकर प्रैक्टीस कर रहे आयुर्वेद डाक्टरों कुंडली खंगालने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें 1616 ऐसे डाक्टरों को चिह्नांकित किए गए हैं, जो राज्य बोर्ड में पंजीकृत हैं। इधर बोर्ड के मुताबिक राज्य में बड़े पैमाने पर ऐसे आयुर्वेद डाक्टर पंजीयन के लिए पहुंच रहे हैं, जिनका पंजीयन दूसरे राज्यों में है। जांच में इनके अनापत्ति प्रमाण पत्र, पंजीयन निरस्तीकरण प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं।
जालसाजों ने पत्र इस तरह ने बनवाएं हैं कि अगर इसकी सामान्य जांच की जाए तो फर्जी दास्तावेज पकड़ में ही ना आए। बोर्ड को शक है कि यह खेल पहले से ही चल रहा था। इस तरह के 20 से अधिक मामलों की जांच के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को सूचना दी गई है। वहीं मामले की शिकायत अब पुलिस में भी करने की तैयारी है। बता दें कि फर्जी पत्र से पंजीयन को लेकर बोर्ड से कुछ माह पूर्व कर्मचारियों को संदेह के शक में निकाला था।
जानकारी के मुताबिक फर्जी आयुर्वेद डाक्टरों के मामला सामने आने के बाद कुछ युवाओं ने बोर्ड में संपर्क किया है। इन्होंने बीएएमएस की फर्जी डिग्री बनाने की बात स्वीकृकारी है। वहीं कई केस जांच के बाद सामने आएंगे। शंका जताई जा रही है कि फर्जी डिग्री के सहारे कई आयुर्वेद डाक्टर बड़े प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। वहीं कुछ प्राइवेट क्लीनिक में प्रैक्टीस कर रहे।
यह है मामला
छत्तीसगढ़ आयुर्वेद बोर्ड में पंजीयन के लिए आए 22 बीएएमएस ( बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) डाक्टरों की फर्जी डिग्री की पहचान की गई। यह सभी छह राज्यों के शासकीय विश्वविद्यालयों व कालेजों के नाम से बनीं डिग्रियां हैं। इसमें डा. बीआर आंबेडकर विवि मुज्जफरपुर बिहार के 10, उत्कल विवि ओडिशा के चार, छत्रपति शाहूजी विवि कानपुर के तीन, पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विवि रोहतक के दो, जीवाजी विवि ग्वालियर के दो, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि के एक फर्जी मामले हैं।
राज्य में आयुर्वेद चिकित्सकों के स्थिति
- 4394 आयुर्वेद चिकित्सक हैं पंजीकृत राज्य में
- 1500 से अधिक सरकारी सेवाओं व आयुर्वेद कालेजों में
- 1500 लगभग आयुर्वेद क्लीनिक चला रहे
- 1394 से अधिक प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम में सेवारत
संबंधित राज्यों के रजिस्ट्रार और विश्वविद्यालय को पत्र लिखा जा रहा
कूटरचित शैक्षणिक दस्तावेज, डिग्री और पंजीयन निरस्तीकरण व अनापत्ति पत्र की जांच की जा रही है। सके लिए संबंधित राज्यों के रजिस्ट्रार और विश्वविद्यालय को पत्र लिखा जा रहा है। दूसरे राज्यों के 1616 आयुर्वेद डाक्टरों का पंजीयन यहां हुआ है। इसकी भी सूची बनाई गई है। जांच में दस्तावेज गलत पाए जाने पर सभी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की जाएगी। - डा. संजय शुक्ला, रजिस्ट्रार, राज्य आयुर्वेद बोर्ड