रायपुर। भाजपा में चल रहे संगठन चुनाव के बीच मंडल अध्यक्ष बनने और अपने करीबी नेताओं को बनवाने की जंग शुरू हो गई है। भाजपा के मंडल अध्यक्षों का चुनाव 30 और 31 अक्टूबर को होगा। मंडल अध्यक्ष के लिए दावेदारों के बीच जंग छिड़ गई है। प्रदेशभर में अलग-अलग जगहों पर विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के गृह जिले कांकेर में मंडल अध्यक्ष बनाने के विरोध में कार्यकर्ता राजधानी पहुंचे। वहीं, रायपुर शहर और ग्रामीण के मंडल अध्यक्षों को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसे आपसी सामंजस्य से निपटाया गया है। वहीं, विवाद का निपटाने का जिम्मा जिलों में अलग-अलग नेताओं को सौंपा गया है। कई जिलों में संगठन चुनाव से नाराज नेता पार्टी भी छोड़ रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए चुनाव कराया जा रहा है। ऐसे में कुछ स्थानों पर नाराजगी सामने आ रही है, जिन्हें मना लिया जाएगा। प्रदेश में मंडल अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय संगठन ने फार्मूला तय किया है।
इस चुनाव में नए नेताओं को मंडल अध्यक्ष की कमान सौंपी जाएगी। राजधानी में सर्वसम्मति से मंडल अध्यक्ष चुनने की कवायद चल रही है। बड़े नेताओं के दबाव को दरकिनार करके केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के अनुसार चुनाव कराया जा रहा है।
रायपुर जिलाध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि राजधानी रायपुर में पहले दिन फाफाडीह मंडल के अध्यक्ष का चुनाव हुआ। बाकी 15 मंडल अध्यक्षों का चुनाव गुस्र्वार को होगा। मंडल अध्यक्ष का चुनाव बूथ कमेटी और सक्रिय सदस्य करते हैं। प्रदेश में सभी बूथ कमेटियों का चुनाव पूरा हो गया है। भाजपा संगठन के प्रदेश में 303 मंडल हैं।
बड़े नेताओं की दखल ने उलझाया
मंडल अध्यक्ष के चुनाव में बड़े नेताओं की दखल ने उलझा दिया है। प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद अब बड़े नेता संगठन में अपने करीबी नेताओं को एडजेस्ट कराने की कवायद में लगे हैं। प्रदेशभर में पूर्व मंत्री और विधायक अपने करीबी नेताओं को मंडल अध्यक्ष बनवाने के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं।