रायपुर(ब्यूरो)। नया रायपुर में सेंट्रल पार्क 32 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है। 70 एकड़ पार्क की लैंड स्केपिंग और कुछ अन्य निर्माण पर खर्च किए जा रहे हैं। यह राशि मुख्य रूप से उद्यान की लैेंड स्केपिंग सहित बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रही है। इसके बाद लगभग इतनी ही राशि दूसरे फेज में खर्च करने की तैयारी है।
सेंट्रल पार्क को जीएमआर चौक के दोनों तरफ उत्तर और दक्षिण हिस्से में बांटकर विकसित किया जा रहा है। प्रत्येक हिस्सा 35 एकड़ का है। दोनों हिस्सों में आम लोगों की सुविधा के हिसाब से बस पार्किंग, कार पार्किंग, टैक्सी स्टैंड, स्कूटर पार्किंग, रेस्टॉरेंट, फूड स्टॉल, टॉयलेट आदि का इंतजाम किया जाएगा।
इमर्सिव डोम पर 7 करोड़
इमर्सिव डोम पर सात करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जर्मन तकनीक से बने इस अधलेटे अवस्था में डोम पर करीब आधे घंटे की मूवी या डॉक्यूमेंट्री दिखाने का इंतजाम किया गया है। 150 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था की गई है। तकनीक से लेकर सारा सामान जर्मन से मंगाया गया है।
ट्रैफिक पार्क
उत्तरी हिस्से में आम नागरिकों और बच्चों को ट्रैफिक नियमों से परिचित कराने केलिए ट्रैफिक पार्क तैयार किया जा रहा है। इस पार्क में ट्रैफिक नियमों को चित्रित किया जाएगा। पार्क बनकर तैयार होगा तो यहां लोग घूमने के साथ ट्रैफिक के मामले में शिक्षित भी होंगे।
बच्चों के लिए खासा खर्च
पार्क में बच्चों के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। पार्क के उत्तरी हिस्से में स्केटिंग प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। इसके दोनों तरफ सांप-सीढ़ी और चेस का प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। जिस पर आदमकद गोटियां और रखी जाएंगी, जिसे सरका कर बच्चे खेल सकेंगे। वहीं बड़े बच्चों का पार्क डिवेलप किया जा रहा है, जिसमें झूला के अलावा विभिन्न प्रकार की खेल सामग्रियां रहेंगी।
दक्षिण हिस्से में एम्फीथिएटर
पार्क के दक्षिण हिस्से में एम्फीथिएटर विकसित किया जा रहा है। इस थिएटर में 1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। थिएटर का इस्तेमाल नाटक आदि के अलावा विविध आयोजनों के लिए किया जा सकेगा।
जोडियक पार्क पर करोड़ों खर्च
पार्क के दक्षिणी हिस्से में जोडियक पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें राशि के हिसाब से विभिन्न मुद्राएं निर्मित की गई हैं। इस उद्यान पर भी करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा ग्रह-मंडल का विकास किया जा रहा है, जो तारामंडल की तर्ज पर होगा।
बुजुर्गों के लिए हट्स
उद्यान के दक्षिणी हिस्से में सीनियर सिटीजन हट्स यानी बुजुर्गों के लिए झोपड़ीनुमा संरचना तैयार की जा रही है, जिसमें उनके बैठने और लेटकर आराम करने की व्यवस्था होगी। इसी से लगा एक योगा पार्क भी होगा।
रंगीन मछलियों का तालाब
रंगीन मछलियों का एक छोटा तालाब विकसित किया जाएगा, जिसमें दुनियाभर की रंग-बिरंगी मछलियों को पाला जाएगा। अफसरों का कहना है कि यह पूरे प्रदेश के लिए कौतुहल का विषय बनेगा।
फुलवारी यानी गार्डन आफ फ्रेगरेंस
सेंट्रल पार्क के उत्तरी और दक्षिणी दोनों हिस्सों में दो फुलवारियां विकसित की जाएंगी, जिसे गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस नाम दिया गया है। इन पार्क में खुशबूदार फूल के पौधे लगाए जाएंगे।
सितंबर में खत्म हो जाना था काम
सेंट्रल पार्क के निर्माण की जिम्मेदारी उल्लास नगर ठाणे की फर्म ईगल इंफ्रा लिमिटेड को दिया गया है। 11 सितंबर 2012 में कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। दो साल के लिए जारी वर्क ऑर्डर में उद्यान का काम 11 सितंबर 2014 को खत्म हो जाना था, लेकिन अभी तक आधा काम भी नहीं हो पाया है। काम में हो रही देरी के बावजूद एनआरडीए ने फर्म पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
- गार्डन का विकास नया रायपुर के निर्माण का एक हिस्सा है। निर्माण योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है। अभी सेक्टर 27 पूरी तरह आबाद हो गया है। सेक्टर 29 में भी कर्मचारी आ रहे हैं। जल्द ही अफसरों की शिफ्टिंग शुरू होगी तब तक यह गार्डन भी बनकर तैयार हो जाएगा। निर्माण में हो रही देरी के लिए टेंडर में दिए गए प्रावधानों के हिसाब से ठेका लेने वाली कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी। महादेव कावरे, महाप्रबंधक, एनआरडीए