रायपुर। 400th Parkash Parv of Guru Teg Bahadur: सिख धर्म के नौंवे गुरु हिंद की चादर धन धन श्री गुरु तेग बहादुर साहेब का 400वां प्रकाश पर्व मनाने की तैयारी पिछले चार महीने से की जा रही थी। इस साल साइंस कॉलेज मैदान में भव्य आयोजन होना था। मगर, कोरोना महामारी के चलते सारे आयोजन स्थगित करके अब एक मई को घर-घर में ही सादगी से प्रकाश पर्व मनाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एवं सिख समाज छत्तीसगढ़ के संयोजक महेन्द्र सिंह छाबड़ा एवं गुरुद्वारा स्टेशन रोड के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि हिंदू धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना शीश न्यौछावर करने वाले श्री गुरु तेग बहादुर साहेब का 400वां शताब्दी प्रकाश पर्व पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश की संगत को एकत्रित कर बड़े स्तर पर राजधानी में मनाया जाना था।
हालांकि, वर्तमान में कोरोना से निर्मित विपरीत परिस्थितियों के मद्देनजर अब घर घर में ही मनाया जाएगा। श्री सहज पाठ साहेब की समाप्ति भी घर घर में ही की जाएगी, ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके।
सुबह घर में सजेगा दीवान
एक मई शनिवार को गुरु पुरब वाले दिन अपने अपने घरों में दीवान सजाकर सुबह 11 बजे से 11.15 श्री सहज पाठ साहेब की समाप्ति करेंगे। 11.15 से 12.15 श्री सुखमनी साहेब का पाठ, 12.15 से 12.45 शबद कीर्तन, 12.45 से 12.55 श्री आनंद साहेब पाठ, 12.55 से 01 बजे अरदास और दोपहर 01 बजे गुरु का लंगर ग्रहण करें।
घर पर गुरुवाणी करने की अपील
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने सिख समाज के लोगों से अपील की है कि एक साथ परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्य गुरुबाणी गायन करें। अपनी अपनी अरदास में पूरे संसार को कोरोना मुक्त करने, सरबत का भला मांगने और देहआरोग्यता का उल्लेख विशेष तौर पर करें। साथ ही श्री जपजी साहेब का पाठ करते हुए बकायदा सिर ढककर (कढ़ा प्रसाद) और गुरु का लंगर बनाएं।
गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा का अनुशरण करते हुए संगत के रूप में पंगत में बैठ कर गुरु का लंगर ग्रहण करें। साथ ही शाम रात में अपने घरों के चौखट दरवाजों, गैलरी में मोमबत्ती दीप प्रज्वलित करें। गुरु परब की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक वाट्सएप में अपने रिश्तेदारों को जरूर शेयर करें, ताकि जन कल्याणकारी इस गुरुपर्व से पूरे संसार को प्रेरणा और संबल प्रदान हो।