रायपुर। किसी के भी एक फोन कॉल पर दिन हो या रात, 25 साल का मो. इरफान सांप पकड़ने के लिए तुरंत निकल पड़ता है, ताकि सांप को कोई मारे ना। 23 जुलाई को सांप पकड़ते वक्त वह खुद सर्पदंश का शिकार हो गया। कोबरा ने उसे डसा फिर भी उसने उसे पकड़ा और तत्काल अपना प्राथमिक उपचार किया। इसके तीन घंटे बाद उसे इलाज मिला। तीन दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा और डिस्चार्ज होते ही फिर से रेस्क्यू में लग गया।
इरफान नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी का सदस्य है। इस घटना के बाद से इरफान का परिवार डरा हुआ है, माता-पिता ने उसे रोका भी, लेकिन इरफान ने उन्हें मना लिया। बीएससी. फर्स्ट ईयर की पढ़ाई करने वाला यह स्नैक कैचर मानता है कि सांप ईको सिस्टम को बनाए रखते हैं, इनसे प्रकृति का चक्र मेंटेन रहता है, इसलिए इन्हें मारना गलत है। इरफान ने अब तक 2000 से अधिक सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ा है। नोवा नेचर के ही एक अन्य सदस्य अविनाश मौर्या को 2014 में कोबरा ने काटा था। उसका इलाज अपोलो में चला था।
फर्स्ट एड ने बचा ली जान
इरफान ने 'नईदुनिया' को बताया- जहरीले सांप के काटने पर क्या फर्स्ट एड (प्राथमिक उपचार) लेना चाहिए यह उसे पता था, इसीलिए उसकी जान बच गई। सांप ने अंगूठे को डसा तो उसने कलाई से लेकर कोहनी तक टाइट कपड़ा बांध लिया, हाथ को बगैर हिलाए-डुलाए वह शांत बैठ गया। उसने बताया कि इससे सांप का जहर जल्दी से नहीं फैलता। उसने बताया कि सांप काटने पर अक्सर लोग घबरा जाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से जहर तेजी से फैलता है, जो मौत की वजह बनता है।
क्या हुआ 23 जुलाई की शाम
23 जुलाई की सुबह से लेकर शाम 5 बजे से पहले तक इरफान 3 सांप पकड़ चुका था। शाम को 5 बजे उसे सड्डू से फोन आया कि सांप दिखा है। तत्काल वह सड्डू के लिए निकल पड़ा। सड्डू में रेस्क्यू जारी था तभी हीरापुर से एक घर में सांप दिखने का कॉल आया। शाम 7.45 बजे वह हीरापुर पहुंचा और एक कोबरा को पकड़ा। वह उसे डिब्बे में बंद कर रहा था तभी पलटकर कोबरा ने उसके अंगूठे को काट लिया। इरफान ने सांप को झटका और कुछ सेकंड बाद फिर पकड़कर डिब्बे में बंद कर दिया।
वहीं से सोसाइटी के सचिव मोइज अहमद को कॉल किया, वह टीम के साथ सेजबहार में रेस्क्यू पर था। आधे घंटे बाद टीम इरफान की मदद के लिए पहुंची। उसे एम्स ले जाया गया तो डॉक्टरों ने कहा-इमरजेंसी केस नहीं लेते, अंबेडकर ले जाओ। इरफान को रात 9 बजे अंबेडकर लाया गया। यहां कागजी खानापूर्ति में आधा घंटा लग गया। जूनियर डॉक्टर को नहीं पता था कि सांप के काटने पर क्या उपचार करते हैं? घटना के लगभग तीन घंटे बाद इलाज शुरू हुआ। एंटी वैनम (इंजेक्शन) का 5 एमएल का डोज दिया गया। एक जूनियर डॉक्टर लगातार 12 घंटे तक इरफान पर नजर रखे हुए था। करीब 40 घंटे तक उसे भर्ती रखा गया। 26 जुलाई को वह अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ।
चार सर्वाधिक जहरीले सांपों में से एक है कोबरा
भारत में पाए जाने वाले 4 सर्वाधिक जहरीले सांपों में से एक कोबरा (भारतीय सांप) है। यह न्यूरोटॉक्सिक जहर छोड़ता है। इरफान के शरीर में कोबरा ने कितना जहर छोड़ा था, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।