रायपुर। Bank Fraud: राजधानी रायपुर के टाटीबंद स्थित कैनरा बैंक शाखा में चालू खाता खुलवाकर बिहार की दो सरकारी कंपनियों के खाते से चेक के जरिए 3.60 करोड़ 41 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कराने वाले शातिर ठग सुहाष हरिशचंद्र काले की तलाश में पुलिस टीम नागपुर पहुंच गई है। वहां उसे दबोचने के लिए संभावित ठिकाने पर लगातार छापामार कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल आरोपित का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
दरअसल, आरोपित काले ने केनरा बैंक में खाता खुलवाने के लिए जो आधार कार्ड जमा करवाया था, उसमें उसके निवास का पता महाराष्ट्र के नागपुर जिले के राजीवनगर का है। हालांकि पुलिस को यह भी शक है कि ठगी की बड़ी घटना को अंजाम देने काले ने फर्जी आधार कार्ड बनवाया होगा।
इधर आमानाका थाना पुलिस ने बैंक प्रबंधन से फर्जीवाड़े का पूरा डाटा हासिल कर लिया है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। बैंक की ओर से पुलिस को आरोपित का सीसीटीवी फूटेज भी उपलब्ध कराया गया है। फूटेज में काले चेक को काउंटर में जमा करते दिखाई दे रहा है। यह फूटेज ठोस सुबूत के तौर पर काफी अहम साबित होगा।
आमानाका पुलिस थाना प्रभारी गौतम गांवड़े ने बताया कि मार्च और अप्रैल 2021 के बीच आरोपित सुहाष हरिशचंद्र काले ने स्वयं को विष्णु लक्ष्मी लैंड डेवलपर्स और रायपुर बिल्डर्स का डायरेक्टर बताकर बिहार की दो सरकारी कंपनी पटना के स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के सात अलग-अलग चेक को बैंक में जमा कर 3.60 करोड़ 41 हजार रुपये भुनाए है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि उक्त चेक की क्लोनिंग की गई है। कंपनियों के पास अभी भी वे सारे चेक उपलब्ध हैं। कंपनी की तरफ से की गई शिकायतों की जांच के बाद बैंक के क्षेत्रीय महाप्रबंधक प्रबंधक के. भानूमूर्ति ने एफआइआर दर्ज कराई है। काले ने आठ मार्च 2021 को ही मेसर्स विष्णु लक्ष्मी लैण्ड डेवलपर्स एंड बिल्डर्स रायपुर के नाम से बैंक में चालू खाता खुलवाया था।
इस ठगी की घटना में कैनरा बैंक के तीन जिम्मेदार कर्मचारियों के शामिल होने का शक है। लिहाजा सभी को जांच के घेरे में रखा गया है, क्योकि इतनी बड़ी रकम बिना कंपनी के अफसरों को सूचना दिए बैक कर्मियों ने किस आधार पर दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया। आरोपित काले ने बैंक मैनेजर को बताया था कि उसका बिहार के पटना में इलेक्ट्रिक और कंस्ट्रक्शन का बहुत बड़ा काम चलता है।
यह है मामला
बिहार की राजधानी पटना के स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के खाते से 3.60 करोड़ रुपये काले के बैंक खाता में ट्रांसफर किया गया। जब कंपनी को पता चला तो सभी के होश उड़ गए। बैंक प्रबंधन से संपर्क कर पूछा कि उनकी जानकारी के बगैर बड़ी रकम कैसे निकल गए और किस आधार पर भुगतान किया गया। बैंक ने उन सात चेक की कापी कंपनियों के दफ्तर भेज दी, चेक देखने के बाद कंपनी के अफसरों के होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से रायपुर की किसी कंपनी को चेक नहीं जारी किया गया है। आरोपित काले द्वारा जिस नंबर का चेक बैंक में जमा किया गया है, वह उनके दफ्तर में मौजूद है।