Anti Crime And Cyber Crime: छत्तीसगढ़ के तीन जिलों में फिर गठित होगी क्राइम ब्रांच यूनिट, नाम होगा एसीसीयू
Anti Crime And Cyber Crime: रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में मिली गठन की अनुमति।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Sat, 05 Mar 2022 09:48:12 AM (IST)
Updated Date: Sat, 05 Mar 2022 09:48:12 AM (IST)
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रायपुर (राज्य ब्यूरो)।Anti Crime And Cyber Crime: छत्तीसगढ़ प्रदेश के तीन जिलों रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में फिर से क्राइम ब्रांच का गठन किया जाएगा। इसका नाम एंटी क्राइम एंड साइबर क्राइम (एसीसीयू) होगा। गृह विभाग ने शुक्रवार को इसकी अनुमति जारी कर दी है। जिलों को इसके लिए स्टाफ की व्यवस्था उनके यहां उपलब्ध बल से ही करना होगा। रेंज के महानिरीक्षक (आइजी) इसका पर्यवेक्षण (देखरेख) में एसीसीयू यूनिट सीधे पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नियंत्रण में काम करेगा।
पुलिस अफसरों के अनुसार इन जिलों में लगातार बढ़ रहे अपराधों के नियंत्रण के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। राजधानी रायपुर में ही पिछले कुछ दिनों में चाकूबाजी की आधा दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी है। मारपीट और चोरी जैसे संगठित अपराधों की संख्या भी बढ़ी है। यही स्थिति दुर्ग और बिलासपुर में भी है। साइबर अपराध की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
अफसरों के अनुसार थानों में स्टाफ पर कई तरह के मामलों की विवेचना की जिम्मेदारी रहती है। मौजूदा व्यवस्था में थाने अपनी सीमा में ही कार्यवाही करते हैं, जबकि क्राइम ब्रांच के पास पूरे जिले में कार्यवाही करने का अधिकार होता है। उसका नेटवर्क भी पूरे जिले में रहता है। ऐसे में अपराधों के नियंत्रण में क्राइम ब्रांच ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।
सत्ता में आते ही कांग्रेस ने किया था भंग
कांग्रेस जब सत्ता में आई तब छत्तीसगढ़ प्रदेश के 26 में से 24 जिलों में पुलिस का क्राइम ब्रांच और स्पेशल इंटेलिजेंस सेल (एसआइयू) सक्रिय था। राजधानी रायपुर समेत बड़े जिलों में इसकी कमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रैंक के अफसरों के हाथों में थी।
बाकी जिलों में उप अधीक्षक (डीएसपी) क्राइम ब्रांच के प्रमुख थे। इसकी कार्यश्ौली पर लगातार सवाल उठ रहे थे। अपराध नियंत्रण के नाम पर क्राइम ब्रांच पर वसूली और उगाही करने के साथ कई तरह के गंभीर आरोप लग रहे थे। इसे देखते हुए 28 दिसंबर 2018 को सभी जिलों के क्राइम ब्रांच भंग कर दिए गए।