नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वतखोरों के खिलाफ कड़ा प्रहार किया है। एसीबी ने एक ही दिन में रायपुर और कोरबा जिले में कार्रवाई की है। एसीबी अफसरों ने रिश्वत लेते दो अफसरों और एक पटवारी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह और राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और पटवारी धीरेंद्र लाटा शामिल हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इंद्रावती भवन में मछली पालन विभाग के संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए एसीबी की 10 सदस्यीय टीम ने ग्रामीणों का वेश धारण कर पूरी योजना को अंजाम दिया।
शिकायत और जाल बिछाने की कहानी
बिलासपुर के नरेंद्र कुमार श्रीवास, जो जांजगीर-चांपा में कार्यालय सहायक संचालक के रूप में कार्यरत हैं, ने देव कुमार सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, विभागीय कार्य को निपटाने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी।
एसीबी ने शिकायत की जांच के बाद जाल बिछाया। नरेंद्र ने पहली किश्त के रूप में 1 लाख रुपये देने की पेशकश की। जैसे ही देव कुमार सिंह ने पैसे लिए, एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।
कार्रवाई की सफलता के लिए एसीबी के अधिकारी पूरी तरह ग्रामीणों के वेश में पहुंचे। टीम के सदस्य कुर्ता-पायजामा, लोवर और कोट-पैंट पहनकर ऐसे नजर आ रहे थे जैसे वे मछली पालन के लिए सलाह लेने आए हों। यह रणनीति इतनी प्रभावी थी कि किसी को शक तक नहीं हुआ।
इसी दिन एसीबी की टीम ने कोरबा के बाकीमोंगरा क्षेत्र में एक और बड़ी कार्रवाई की। यहां शिकायतकर्ता संजय दिवाकर ने राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और पटवारी धीरेंद्र लाटा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। भूमि सीमांकन के लिए दोनों ने 13 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। टीम ने जाल बिछाकर राजस्व निरीक्षक को 5 हजार रुपये की पहली किश्त लेते हुए और पटवारी को 8 हजार रुपये की राशि लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।