नईदुनिया न्यूज, नारायणपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को जिले में नक्सलियों और समर्थकों से संबंधित कई स्थानों पर छापेमारी की। पिछले वर्ष मार्च में सड़क नाकेबंदी के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई है। इसमें चार संदिग्धों के कस्तूरमेटा, मंडाली और मलगाल गांव के ठिकानों में तलाशी ली गई। तीनों गांव अति संवेदनशील और नक्सलियों के माड़ डिवीजन (अबूझमाड़) में आते हैं।
20 मार्च 2023 को नक्सली संगठन के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने अबूझमाड़ प्रवेश द्वार पर रायनार के पास नारायणपुर-ओरछा मुख्य मार्ग को कई हिस्सों में खोदकर, पेड़ों को काटकर और कई जगहों पर छोटे-बड़े पत्थर रखकर अवरुद्ध कर दिया था। इसका उद्देश्य पुलिस बल की हत्या कर उनके हथियार लूटना था। इस घटना में कुल 35 आरोपी नामजद हैं।
एनआईए ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कार्रवाई को लेकर जानकारी साझा की है। बताया गया कि तलाशी में संगठन के चार संदिग्ध सदस्यों को निशाना बनाया गया। इनके माड़ बचाओ मंच के सदस्य होने का संदेह है। मंच के एक प्रमुख नेता लखमा राम कोर्राम को भी आरोपित बनाया गया है।
उस पर नक्सल संगठन को हमले की योजना बनाने में मदद करने का आरोप है। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे और नक्सल विरोध रणनीति बनाने के बाद लगातार नक्सलवाद पर प्रहार किए जा रहे हैं। एनआइए की इस कार्रवाई को भी उसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
जांच में सामने आए तथ्यों के अनुसार माड़ बचाओ मंच सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करता रहा है। प्रतिबंधित संगठन के लिए नए शिविर स्थापित करने में भी मदद करता है। उन्हें राशन उपलब्ध कराने में सहायता भी प्रदान करता है। नक्सली विचारधारा के प्रचार के लिए मंच के बैनर तले बैठकें भी आयोजित की जाती हैं।