नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में मतांतरण से अब आदिवासी समाज के दो फाड़ में बंटने की स्थिति आ गई है, जिससे यहां के शांत गांवों में अशांति का वातावरण बनता जा रहा है। नारायणपुर जिले के एड़गा पंचायत के गोर्रा गांव में मतांतरित मिशनरी लोग जो मूलत: आदिवासी हैं के आदिवासियों के साथ की गई मारपीट की घटना के विरोध में सोमवार को क्षेत्र के दस हजार से अधिक आदिवासी, नारायणपुर जिला मुख्यालय का घेराव करने पहुंच गए। भीड़ के आगे पुलिस की व्यवस्था बेकार साबित हुई और आक्रोशित आदिवासियों में से लाठी-डंडे से लैस करीब पांच हजार की भीड़ जिला मुख्यालय में प्रवेश कर गई। भीड़ ने बंगालीपारा स्थित कैथोलिक चर्च में तोड़फोड़ करना शुरु कर दिया।
समझाइश देने नारायणपुर एसपी सदानंद कुमार दल-बल के साथ पहुंचे तो आक्रोशित भीड़ की चपेट में आकर वे भी घायल हो गए। हमले में एसपी को सिर पर गंभीर चोट आई है, तीन टांके लगाने पड़े है। कुछ जवान भी चोटिल हुए हैं। एसपी पर हुए हमले के बाद प्रशासन को अनियंत्रित हो चुकी भीड़ को काबू करने सुरक्षा बल को बुलाना पड़ा। पुलिस व सुरक्षा बल की संयुक्त टीम ने स्थिति को नियंत्रित करने लाठी चार्ज किया, जिसमें करीब 50 से अधिक ग्रामीणों के घायल होने की सूचना है।
इधर, कलेक्टर अजीत वंसल ने अस्पताल पहुंचकर एसपी का हाल जाना। आईजी बस्तर पी. सुंदरराज भी नारायणपुर मुख्यालय पहुंचे और घटना की विस्तृत जानकारी ली है। शाम को पुलिस ने नगर में शांति मार्च निकाला। ज्ञात हो कि एक दिन पहले रविवार को नारायणपुर जिले के एड़गा पंचायत के गोर्रा में मतांतरित मिशनरी लोगों ने आदिवासियों की लाठी-डंडों से पिटाई कर दी, जिससे चार आदिवासी ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना को रोकने पहुंचे थाना प्रभारी वायएस जोशी का पैर भी हमले में फ्रैक्चर हो गया था।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन की थी अनुमति
मंतातरित मिशनरी लोगों के एड़का पंचायत के गोर्रा में आदिवासियों से की गई मारपीट के विरोध में रविवार की रात काे ही एड़का परगना के आदिवासी समाज के अध्यक्ष सोनू कोर्राम ने एसपी सदानंद कुमार व कलेक्टर अजीत वंसल को राज्यपाल के नाम पत्र सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। आदिवासी समाज की ओर से नगर बंद कर विरोध प्रदर्शन की अनुमति भी मांगी गई थी। कलेक्टर अजीत व एसपी सदानंद ने सोमवार की सुबह नौ बजे आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से रैली व नगर बंद की अनुमति देने से मना करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को कहा। इधर सोमवार की सुबह से ही बखरुपारा में हजारों की संख्या में आदिवासी इकट्ठा होना शुरू हो गए। दोपहर 12 बजे के करीब बखरुपारा में प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों की भीड़ में से कुछ लोग जिला मुख्यालय की ओर बढ़ने लगी। आक्रोशित भीड़ बंगालीपारा स्थित कैथोलिक चर्च पहुंची और वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी।
एसपी नारायणपुर सदानंद कुमार ने कहा, आदिवासी समाज को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी। इसमें से कुछ लोग नेतृत्वविहीन होकर चर्च को तोड़ने चले गए थे। इसे रोकने मैं पुलिस बल के साथ पहुंच कर समझाने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान किसी ने पीछे से वार कर दिया। इसके बाद भी शांतिपूर्ण तरीके से प्रशासन व पुलिस ने संयम रखकर स्थिति को नियंत्रण में लाया है। इस पर विधिपूर्वक कार्रवाई करेंगे।
नारायणपुर कलेक्टर अजीत वंसल ने कहा, एक समुदाय की ओर से सभा की अनुमित मांगी गई थी। शांतिपूर्ण सभा की अनुमति दी गई थी। समुदाय के कुछ सदस्य उग्र होकर चर्च को तोड़ने बढ़ गया। पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन के अधिकारी समझाइश देने गए। इसके बाद भी प्रशासन ने संयम से काम लिया। अभी भी हम लोगों को समझाइश देकर वापस भेज रहे हैं।
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— NaiDunia (@Nai_Dunia) January 2, 2023