नईदुनिया प्रतिनिधि, महासमुंद। छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिले के तुमगांव स्थित नवजीवन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उल्टी-दस्त और बुखार से ग्रसित हंसती-खेलती छह वर्ष की बच्ची की मौत हो गई। आरोप है कि बच्ची दवाओं के ओवरडोज से मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद अस्पताल में विरानी छाई है, डॉक्टर सहित पूरा स्टाफ गायब हो है। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में बच्ची की दफनाई गई शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
तुमगांव नगर पंचायत के वार्ड आठ के रहने वाला नेतराम धीवर ने बताया कि गुरुवार की शाम सात बजे अपनी छह साल की बेटी अंकिता धीवर को लेकर भोरिंग स्थित नवजीवन क्लीनिक पहुंचा। बच्ची दस्त और हल्की बुखार के कारण सुस्त हो गई थी। क्लीनिक में मौजूद उदयराम साहू ने दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी बताते हुए ग्लूकोज चढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए तुमगांव-महासमुंद चौक स्थित नवजीवन अस्पताल जाने की सलाह दी।
नेतराम बिना देरी किए 15 से 20 मिनट में अपनी बेटी को लेकर नवजीवन पहुंच गया। अस्पताल में डॉक्टर की गैर मौजूदगी में स्टाफ ने बच्ची को अटेंड किया। रिसेप्शन में दो सौ रुपये लेकर फार्म भरकर उस बच्ची को भर्ती कर लिया। इसके पहले बच्ची अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत कर रही थी, किन्तु जैसे ही स्टाफ ने एमिकासिन 250 आईवी, पीसीएम आईवी और वोन्डम आईवी चढ़ाया, बच्ची को बेचैनी होने लगी। इसके बाद स्टाफ ने ड्रिप चढ़ाना बंद कर दिया।
स्वजनों से कहा कि बच्ची को गर्मी लग रही है, थोड़ा खुले में ले जाओ। कुछ ही देर में बच्ची बेहोश हो गई। अस्पताल स्टाफ उसे एक्स-रे कराने ले गए। अचेत अवस्था को देखते हुए जब उनसे कंट्रोल नहीं हो पाया तो बच्ची के पिता नेतराम को रात 10 बजे स्टाफ ने कुछ ही दूरी पर सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर दिखाने को कहा। पिता भी बदहवासी में बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचता, उसके पहले ही बच्ची दम तोड़ चुकी थी। डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
वहीं बच्ची की मां अपनी बेटी को झकझोर कर उठाने की कोशिश करती रही, लेकिन वह नहीं उठी। इस घटना की सूचना मिलते ही देर रात तुमगांव नगर पंचायत के उपाध्यक्ष पप्पू कुमार पटेल भी अस्पताल पहुंचे और प्रबंधन सहित डॉक्टरों से संपर्क किया।
देर रात रायपुर से अस्पताल के एमडी डॉ. शिवम पांडेय पहुंचे और नगर पंचायत उपाध्यक्ष पप्पू कुमार पटेल सहित स्वजनों से चर्चा की। इस दौरान डॉ. पांडेय ने स्टाफ को जमकर फटकार लगाई और और उपचार में हुई गलती को स्वीकार किया। इसके बाद से शुक्रवार को नवजीवन अस्पताल के सारे चिकित्सक नर्स, स्टाफ सुबह से ही गायब हो गए।
शुक्रवार की शाम नगर पंचायत उपाध्यक्ष पप्पू कुमार पटेल तुमगांव थाना पहुंचे, जहां बच्ची के पिता के साथ प्रभारी से मुलाकात कर अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग करते हुए लिखित शिकायत दी। थाना प्रभारी हितेश जंघेल ने सभी को भरोसा दिलाया कि मामले की जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जंघेल ने बताया कि पूरे मामले की पड़ताल शुरू कर दी गई है।
एमडी मेडिसिन डा. कुलवंत सिंह आजमानी से दवाओं का नाम बताकर उपयोग के बारे पूछे जाने पर बताया गया कि एमिकासिन 250 एंटी बॉयोटिक है, पीसीएम बुखार और वोन्डम दस्त रोकने की दवा है। यह सामान्य दवा है, इसका उपयोग सरकारी अस्पतालों में भी किया जाता है।
जिले में कोरोना काल के बाद मेडिकल दुकान और निजी अस्पतालों की बाढ़ सी आ गई है। मशरूम की तरह कहीं भी निजी अस्पताल खोल दिये गए है। घर मकान, खलिहान में भी लोगों ने निजी अस्पताल खोल रखा है। ज्यादातर निजी अस्पताल नर्सिंग होम एक्ट के मापदंड में पूरी तरह से फिट नहीं है। वहीं ट्रेनी नर्सों के भरोसे ऐसे ज्यादातर अस्पताल संचालित हो रहे हैं।