नईदुनिया प्रतिनिधि। महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में अनोखा मामला सामने आया है, यहां जनपद पंचायत के अध्यक्ष के कक्ष में उनके और सदस्यों के बैठने के लिए खरीदी गई कुर्सी का भुगतान पिछले ढाई साल से नहीं होने के कारण दुकानदार ने अंततः मंगलवार सुबह कार्यालय पहुंचकर सभी वापस ले ली। दुकानदार अपने साथ मालवाहक लेकर आया था। कुर्सी जनपद पंचायत के अध्यक्ष सभाकक्ष में थी। कुर्सी उठा ले जाने के बाद जनपद अध्यक्ष यतेन्द्र साहू अपने कक्ष में बिना कुर्सी के फर्श पर दिनभर काम करते देखे गए। वहीं जनपद सदस्य भी इधर-उधर मंडराते देखे गए।
इस संबंध में जनपद अध्यक्ष यतेंद्र साहू ने बताया कि कार्यकाल के दौरान जितने भी सीइओ यहां आए, सभी से भुगतान करने को कहा, किन्तु भुगतान नहीं हुआ। वहीं इस बारे में जनपद सदस्य दिग्विजय साहू ने बताया कि लापरवाही जनपद पंचायत के सीइओ और लिपिक की है।
ज्ञात हो कि पूर्व अध्यक्ष भागीरथी चंद्राकर के कोरोना काल में निधन के बाद से यतेंद्र साहू जनपद अध्यक्ष हैं। जिनके अध्यक्ष बनने के बाद ही कुर्सियां खरीदी गई थी। लगभग ढाई साल पहले जनपद अध्यक्ष कार्यालय के लिए एक दुकान से अध्यक्ष कुर्सी समेत जनपद सदस्यों के लिए कुर्सी खरीदा गया था, जिसका भुगतान अब तक नहीं किया गया। दुकानदार सब्र की सीमा समाप्त होने के बाद व्यथित होकर कुर्सियां वापस ले गया।
जनपद पंचायत कार्यालय की बाज़ार में प्रतिष्ठा अच्छी नहीं है। ऐसा दुकानदारों का कहना है। बताया कि जनपद के नाम से बाजार का कोई दुकानदार उधार में सामान नहीं देता। बताया कि कुछ कर्मचारी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और उनके जोखिम पर दुकानदार सामान दे देते हैं। किन्तु भुगतान में लेटलतीफी की यहां पराकाष्ठा है।