नईदुनिया न्यूज,बैकुंठपुर : कोरिया जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर वन मंडल कोरिया स्थित ग्राम कटवार में नाले के पास मिले बाघ के शव ने विभाग के जिम्मेदारों की पोल खोल दिया है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अधिकारियों के फिल्ड में जाने के बजाय घरों में आराम फरमाने का ही नतीजा है कि लगातार वन्य जीवो के तस्कर क्षेत्र में सक्रिय हैं।
वर्तमान मामले में भी जानकारों का कहना है कि यह मामला प्रकाश में आ गया इसलिए हो हल्ला मचा हुआ है। अन्यथा जंगलो के भीतरी क्षेत्रों में न जाने क्या क्या खेल चल रहे हैं। जिसका सामान्य लोग अनुमान भी नही लगा सकते हैं।
शुक्रवार को मामला उजागर होने के बाद से शनिवार खबर लिखे जाने तक विभाग के अधिकारियो ने अपने मोबाइल बंद कर रखे हैं। जबकि बताया जा रहा है कि बाघ के शव का पोस्टमार्टम के बाद ही उसकी मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
वही पर विभाग द्वारा जिस प्रकार से शनिवार को सबंधित क्षेत्र में आम लोगो की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मामले में पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। यह सही भी लगता है कि पूर्व में भी दो बाघों की हत्या पर आज तक किसी पर कोई कार्रवाई नही की गई। इसलिए वर्तमान मामले में कुछ नया होने की उम्मीद नहीं हैं।
रायपुर, अंबिकापुर व बैकुंठपुर की टीम मौके पर
मिल रही खबरो के अनुसार रायपुर से संरक्षण शाखा अरण्य भवन रायपुर प्रमुख सहायक वन संरक्षक संदीप सिंह और उनकी की टीम गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान शुक्रवार की देर रात पहुंच गई थी, इनके साथ अंबिकापुर के तीन डाक्टरों की टीम भी है,जो पोस्ट मार्टम करेंगे । जबकि रायपुर से वन विभाग के खोजी कुत्तों का दल भी साथ आया है।
जांच कम मामले में पर्दा डालने की कोशिश अधिक
कोरिया वन मंडल और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी व सरगुजा वन वृत के सीसीएफ सभी मौके पर बताये जा रहे हैं। रायपुर, अंबिकापुर और बैकुंठपुर की रेगुलर और पार्क दोनों के पूरे अधिकारी सभी घटना स्थल कटवार में है।
वहीं विभाग बाघ के दांत, नाखून और मूंछें सही सलामत होने की बात कह रहा है और बाघ को पूर्ण वयस्क नर बाघ बता रहा है। जिस प्रकार से विभाग पूरे मामले में गोपनीयता बरत रहा है। उससे जांच कम मामले में पर्दा डालने की कोशिश अधिक नजर आ रही है।
पहले भी दो बाघ की हो चुकी है हत्या
वर्ष 2022 में इसी क्षेत्र में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के सोनहत रेंज में एक बाघिन की मौत हुई थी, स्थान था ग्राम सलगवांकला, जिसके बाद चार लोगों को भैंस के मांस में जहर देकर बाघ को मारे जाने की बात सामने आई थी और चारों पर विभाग ने कार्रवाई की थी, इसके पूर्व 2018 में इसी क्षेत्र के ग्राम सुकतरा में एक बाघ की मौत की बात सामने आई थी, अब इसी क्षेत्र में बाघ के मारे जाने की तीसरी बड़ी घटना सामने आई है।