कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दीपका खदान में संचालित आउट सोर्सिंग कंपनियों में तकनीकी कर्मचारियों को छोड़कर शेष सभी पदों पर वैकल्पिक रोजगार प्रदान की मांग को लेकर भू-विस्थापितों ने मिट्टी निकासी का काम बंद करा दिया। त्रिपक्षीय वार्ता में भू- विस्थापितों को काम पर रखने, महिलाओं को कार्यालय में काम देने व अन्य मुद्दों पर सहमति बनी। इसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) दीपका में मिट्टी निकासी समेत अन्य कार्य निजी कंपनी के माध्यम से कराए जा रहे हैं। वर्तमान में गोदावरी कंपनी मिट्टी निकासी का कार्य कर रही है। स्थानीय लोगों को रोजगार की मांग लेकर उर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति, एसईसीएल प्रबंधन व गोदावरी कंपनी प्रबंधन के मध्य त्रिपक्षीय वार्ता कर सहमति बनी थी, पर गोदावरी प्रबंधन ने इस पर अमल नहीं किया व आउटसोर्सिंग को प्राथमिकता दी। इससे स्थानीय भू-विस्थापित रोजगार से वंचित रह गए थे। आक्रोशित सभी ग्रामीणों ने रविवार को गोदावरी का मिट्टी निकासी कार्य बंद करा दिया। जानकारी मिलने पर दीपका उप महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह, भू-राजस्व अधिकारी पी मुखर्जी, गोदावरी कंपनी के प्रबंधक मजूमदार, उजाधानी संगठन के पदाधिकारियों की उपस्थिति में वार्ता की गई। इस दौरान दीपका क्षेत्र के सभी आउट सोर्सिंग कंपनियों में तकनीकी कर्मचारियों को छोड़कर स्थानीय व भू-विस्थापितों को शत प्रतिशत रखने, महिलाओं को भी आफिस व अन्य कार्य में नियोजित करने, युवाओं को प्रशिक्षण देने, जोकाहीडबरी आमगांव के बचे 95 मकानों के मुआवजा पर सहमति बनी।
दीपका क्षेत्रीय इकाई अध्यक्ष बसंत कुमार ने बताया कि गोदावरी प्रबंधन को विस्थापितों की सूची प्रदान की गई थी जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और लगातार टालमटोल कर विस्थापितों को गुमराह कर रही है। इस दौरान श्यामू जायसवाल, उपाध्यक्ष प्रकाश कोर्राम, सचिव भागीरथ यादव, कार्यवाहक अध्यक्ष संतोष चौहान कोरबा इकाई अध्यक्ष गजेंद्र सिंह तंवर, अनसुईया राठौर, ब्रिज कंवर (सरपंच अमगांव) धन कंवर (मलगांव सरपंच), रूद्र दास महंत, मुकेश यादव, रुद्र पाल, माही यादव, बसंत चंद्राकर, गोपाल बिंझवार, दीपक यादव, ललित महिलांगे, कृष्णा नगर इकाई अध्यक्ष फूलेन्द्र सिंह, सचिव सीमा देवी सोनी, तेजराम साहू, लखन लाल सोनवानी, बालेश्वर, राहुल जायसवाल, महेंद्र सिंह समेत भारी संख्या में ग्राम मालगांव, अमगाव,चैनपुर, सिरकी, झाबर, बेलटिकारी, रेंकी के लोग उपस्थित रहे।