कोरबा । कोरबा लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत जीत गई हैं। ज्योत्सना ने भाजपा प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे को लगभग 26000 वोटों से पराजित किया है। बता दें कि, इस सीट पर कुल 13 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे थे। इस सीट पर 23 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। कोरबा लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। इस सीट से उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत कांग्रेस की प्रत्याशी थी। इनका मुकाबला भाजपा के ज्योतिनंद दुबे से था। कोरबा में मोदी के प्रभाव के कारण भाजपा को बढ़त की आस थी। रामपुर भाजपा का क्षेत्र है, यहां से मतदान का प्रतिशत थोड़ा कम हुआ था, लेकिन फिर भी भाजपा को यहां से ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद थी।
ऐसी स्थिति में कोरबा लोकसभा में शामिल सरगुजा संभाग की तीन सीट भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़ और बैकुंठपुर विधानसभा सीटों से हार-तीन का फैसला होने की संभावना जताई जा रही थी।
कोरबा सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही प्रत्याशी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। भाजपा प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे श्रमिक वर्ग से हैं। दुबे के भाई भी राजनीति में हैं और दीपका नगरपालिका के अध्यक्ष हैं। दुबे को सबसे ज्यादा उम्मीद क्षेत्र में रहने वाले वर्किंग क्लास से थी।
इसमें केंद्रीय कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनके बीच भारतीय मजदूर संघ, इंटक समेत अन्य कर्मचारी संगठन सक्रिय हैं। हालांकि श्रमिकों का एक बड़ा वर्ग केंद्र की कथित श्रमिक विरोधी नीति के कारण भाजपा से नाराज भी था। कांग्रेस की ज्योतना महंत यहां से सांसद रहे डॉ. चरणदास महंत की पत्नी हैं। डॉ. महंत फिलहाल सक्ती सीट से विधायक और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष हैं।
कोरबा लोकसभा सीट में अभी 73.15 फीसद मतदान हुआ था। 2014 के लोकसभा चुनाव में 73.95 फीसद मतदान हुआ था, तब कांग्रेस के प्रत्याशी खुद डॉ. चरणदास महंत थे और उनका मुकाबला भाजपा के डॉ. बंशीलाल महतो से था। महतो ने महंत को हरा दिया था। हालांकि, विधानसभा क्षेत्रवार बात की जाए, तो उस वक्त कोरबा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से चार कांग्रेस और चार भाजपा के कब्जे में थी।
2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले में 2014 के लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में एक से चार फीसद तक वोट कम पड़ा था। लोकसभा चुनाव में मतदान गिरने का नुकसान कांग्रेस को हुआ था, क्योंकि महंत को सांसद की कुर्सी गंवानी पड़ी थी। कोरबा लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले में 2018 के विधानसभा चुनाव में चार फीसद ज्यादा मतदान हुआ।
कोरबा संसदीय सीट का तीसरा चुनाव
कोरबा संसदीय सीट पर यह तीसरा आम चुनाव हो रहा था। परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई इस सीट पर पहला चुनाव डॉ. चरण दास महंत ने जीता था। वहीं, 2014 में हुए दूसरे चुनाव में भाजपा के डॉ. बंशीलाल महतो ने जीत दर्ज की थी।
ऐसा था कोरबा सीट पर वोट का खेल
यहां करीब 50 फीसद वोटर आदिवासी हैं। इनमें गोंड और कंवर आदिवासियों की संख्या अधिक है। लगभग 20 से 22 फीसद ओबीसी व 12 फीसद के आसपास अनुसूचित जाति वर्ग के हैं। बाकी सामान्य वर्ग के वोटर हैं।
कुल- 1495609
पुस्र्ष- 752516
महिला- 743037
अन्य- 56