Murder in Korba: कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पंप हाउस कालोनी में रहने वाली एक युवती की पेचकस से बुरी तरह गोदकर हत्या कर दी गई। मुंह पर तकिया लगाकर एक के बाद 51 बार पेचकस से बेरहमीपूर्वक वार किया गया। इसकी वजह से युवती के मुंह से चीख भी नहीं निकल पाई। अधिक रक्त बहने से उसकी मौत हो गई। दिनदहाड़े हुई इस हत्या की भनक कालोनी में के लोगों को नहीं हो सकी। मृतक का भाई घर लौटा, तब यह घटना सामने आई। घटनास्थल पर एक विमान का टिकट मिला है। इससे माना जा रहा है कि आरोपित शहबाज खान गुजरात से दो दिन पहले छत्तीसगढ़ आया था।
कोतवाली के अंतर्गत आने वाले साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की पंप हाउस कालोनी निवासी व निजी कंपनी में कार्यरत बुधराम पन्ना अपनी पत्नी फूलजेना, पुत्र नीलेश व पुत्री नीलकुसुम (20) के साथ निवासरत है। शनिवार को बुधराम सुबह ड्यूटी पर चले गए थे। उसकी पत्नी फूलजेना डीएवी स्कूल में काम करने गई थी, जबकि पुत्र नीलेश मां को स्कूल में छोड़ने के बाद दादरखुर्द स्वजन के पास चला गया था। इस बीच घर पर नीलकुसुम अकेली थी। दोपहर करीब 12:30 बजे उसका भाई नीलेश घर लौटा और दरवाजा खटखटाया, तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई।
तब वह घर के पीछे से घर के अंदर पहुंचा। अंदर कमरे में जमीन पर बहन नीलकुसुम लाश पड़ी थी। पुलिस की जांच से पता चला है कि बुरी तरह पेचकस से गोदकर उसकी हत्या की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सामने करीब 51 वार पेचकस से गोदा गया है। पुलिस मान रही है कि आरोपित हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए तकिया से युवती के मुंह को दबा दिया था। जांच में पता चला है कि युवती के दिल के पास भी पेचकस का एक बड़ा छेद है। अधिक रक्त स्राव से युवती की मौत होने की जानकारी मिल रही है। बेहद चौंकाने वाली बात यह है कि 8:30 से 12.30 बजे के बीच यह घटना हुई, पर आसपास के लोगों ने उसे न तो आते देखा और न ही किसी ने जाते।
अहमदाबाद से रायपुर तक फ्लाइट की मिली टिकट
गुजरात के मुंदरा से अहमदाबाद तक बस का टिकट, फिर अहमदाबाद से रायपुर तक 22 दिसंबर का फ्लाइट का टिकट है। रायपुर से बिलासपुर तक एक एसी बस का टिकट है। फ्लाइट का जो टिकट मिला है, उसमें शहबाज खान लिखा है। स्वजन ने बताया है कि करीब तीन साल पहले शहबाज जशपुर से कोरबा के बीच चलने वाले एक यात्री बस का कंडक्टर था।
बात नहीं करना चाहती थी, इसलिए दी थी फोन पर धमकी
पुलिस को पूछताछ में जो जानकारी मिली है कि नीलकुसुम मदनपुर स्थित मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। उसकी कक्षा नौवीं से 12 तक की पढ़ाई वहीं हुई है। वह कोरबा व मदनपुर के बीच बस से ही आना जाना करती थी। इस बीच शहबाज व नीलकुसुम की नजदीकियां बढ़ी। स्वजन का कहना है कि शहबाज फोन में तीन दिन पहले धमकी दी थी। वह शहबाज से बात नहीं करना चाहती थी। इसलिए उसे परेशान कर रहा था। इस वजह से नीलकुसुम परेशान थी। हत्या की इस घटना से शहबाज की भूमिका की जांच पुलिस कर रही।
चर्च के पास से डाग बाघा भटका
अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने पुलिस, डाग स्क्वायड व फारेंसिंक टीम की मदद ले रही है। घटनास्थल पर डाग स्क्वायड व फारेंसिक टीम ने जांच पड़ताल की। घटनास्थल से डाग बाघा गंध लेकर निकला और आत्मानंद स्कूल होते हुए 15 ब्लाक जाने वाले मुख्य मार्ग में स्थित चर्च के आगे जाकर भटक गया। माना जा रहा है कि यहां से आरोपित वाहन से भाग निकला।
दूध देने पहुंची थी, पर नहीं खुला दरवाजा
प्रतिदिन सुबह घर पर दूध पहुंचाने एक महिला पहुंचती है, उसने पुलिस को बताया कि वह घर दूध देने आई थी। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद अंदर से जवाब नहीं आया तो बिना दूध दिए लौट गई। आशंका जाहिर की जा रही है कि उसे वक्त शायद आरोपित घर के अंदर ही था। अभी पुलिस इस बिंदु की जांच कर रही है कि आरोपित को नीलकुसुम बुलाई थी या फिर वह खुद से ही आ धमका था।
अपराधी भला कैसे छोड़कर जाएगा सबूतों का बैग
मूलत: जशपुर का रहना वाला शहबाज खान का गुजरात से क्या कनेक्शन है। वह फ्लाइट से यहां कैसे पहुंचा। इसका भी पता नहीं चल सका है। संभावना जताई जा रही है कि शायद वह इन दिनों गुजरात में रह कर काम कर रहा था। सवाल यह भी है कि पुलिस इस बात पर उलझी है कि कोई अपना सबूतों का बैग मौके पर घटनास्थल पर क्यों छोड़ कर जाएगा।