कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पाली- तानाखार विधानसभा सीट में कांग्रेस को मिली हार को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले पूर्व विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने टिकट कटने पर आरोप लगाया, फिर चुनाव परिणाम आने के बाद कार्यकर्ताओं ने हार का ठीकरा मोहितराम पर फोड़ दिया और अब मोहितराम ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा वार समीक्षा की जा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस शासन में विधायक रहे नेता भी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं। वही कुछ टिकट कटने से नाराज हैं और इसके लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार बता रहे हैं। इन्हीं में एक कोरबा जिले की पाली- तानाखार से विधायक रहे मोहितराम केरकेट्टा की टिकट भी पार्टी ने काट दी थी, तब केरकेट्टा ने बड़े नेताओं पर बड़ा आरोप लगाते कहा था कि आदिवासी विधायकों को हारने का षडयंत्र किया गया है, पार्टी के अंदर के कुछ नेताओं ने मिलकर षड्यंत्र रचा है।
केरकेट्टा ने कहा था कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भी गुमराह किया गया। बैज को चुनाव लड़ाने का काम षड्यंत्रकारियों ने किया है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र पाली-तानाखार में पीसीसी महामंत्री प्रशांत मिश्रा पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप भी लगाया।साथ ही बड़ी संख्या में सिटिंग विधायकों की टिकट काटने को भी नुकसान बताया है। इसके साथ ही उन्होंने पीसीसी में संगठनात्मक बदलाव की जरूरत है। अभी दो दिन पहले ही हुई समीक्षा बैठक में केरकेट्टा पर कांग्रेस पदाधिकारियों ने हार का ठीकरा फोड़ा। उन पर पार्टी प्रत्याशी के विरूद्ध कार्य करने का आरोप लगाया। साथ ही कार्यकर्ताओं की उपेक्षा किए जाने का भी
आरोप लगाते कहा कि इससे कार्यकर्ता नाराज हुए और पार्टी हित में कार्य नही कर सके। बैठक में सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने एकजूट होकर हार का प्रमुख कारण केरकेट्टा को बताते हुए बर्खास्त करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित करते हुए कहा कि केरकेट्टा जैसे व्यक्ति की जरूरत कांग्रेस को नहीं है। बैठक के बाद शनिवार को पूर्व विधायक मोहित राम ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने दे दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को तीन लाइन में लिखे पत्र में कहा है कि मैं पाली- तानाखार विधानसभा से पर्व विधायक व पूर्व उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री अधोसरंचना उन्नयन एवं विकास प्राधिकरण (राज्यमंत्री दर्जा) हूं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व सभी पदों से अपना इस्तीफा दे रहा हूं और इसे स्वीकार करने का कष्ट करें। यहां बताना होगा कि वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के पहले मोहितराम केरकेट्टा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में थे। उस वक्त कांग्रेस के विधायक रामदयाल उइके ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया। तब मोहितराम को कांग्रेस में शामिल करा पार्टी ने टिकट प्रदान किया था और उन्होंने जीत हासिल की थी।