कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। राष्ट्रीय एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावाधान में जिला एवं तहसील स्तर पर शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें विविध मामलों से जुड़े 5,360 प्रकरणों का निपटारा हुआ। कुटुंब न्यायालय ने चार से अलग रह रहे पति-पत्नी को एक साथ रहने के लिए राजी किया वहीं एक अन्य मामले में वादी के खाते कूट रचना कर निकाल ली गई 12 लाख की राशि को न्यायालय ने वापस दिलाया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्ष डीएल कटकवार के नेतृत्व में नेशन लोक अदालत का आयोजन सत्र न्यायलय सहित अनुविभागीयी व तहसील कोर्ट में आयोजित किया गया। नालसा थीम सांग न्याय सबके लिये के साथ शुरू नेशनल लोक अदालत में कुल 9072 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें न्यायालयों में लंबित प्रकरण 2010 एवं प्री-लिटिगेशन के 7062 प्रकरण थे। जिसमें राजस्व मामलों के प्रकरण, प्री-लिटिगेशन प्रकरण तथा न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के कुल प्रकरणों सहित 5360 प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत मंे समझौते के आधार पर हुआ। पीठासीन अधिकारी बृजेश राय पारित के कोर्ट में एक मामला आया। जिसमें प्रतिवादी को 50 हजार की आवश्यकता पड़ी। वादी ने उसे कोरा चैक दे दिया, जिसमें कूट रचना कर प्रतिवादी 12 लाख रूपये निकाल लिए। मामले की सत्यता जांच के बाद कोर्ट ने प्रतिवादी से कहा कि वह अपीलार्थी को 30 दिन के भीतर 12 लाख रूपये वापस प्रदान करने। इसी तरह चार साल से अलग रह रहे पति-पत्नी के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था। पत्नी भरण पोषण की मांग कर रही थी। कुटुंब न्यायलय ने दोनों को एक साथ रहने के लिए राजी कर लिया इस तरह दंपति की उजड़ी गृहस्थी फिर से बस गई।
सड़क दुर्घटना में पीड़ित बुजुर्ग को मिला न्याय
सड़क दुर्घटना पत्नी को खो चुके बुजुर्ग को न्यायाय ने न्याय दिलाया। दो साल पहले हुई घटना में वाहन सवार दंपति को एक अन्य वाहन चालक ने ठोकर मार दिया। जिससे बुजुर्ग के पत्नी की मौत हो गई। बुजुर्ग ने मोटरयान अधिनियम के तहत राशि की मांग थी। नेशनल लोक अदालत का लाभ लेते हुए आवेदकगणों ने 7,10,000 रूपये (सात लाख दस हजार रूपये) बिना किसी डर-दबाव के राजीनामा किया जिसे आज से 30 दिवस के भीतर अदा किए जाने का निर्देश दिया गया। इस प्रकार घर बैठे बुजुर्ग आवेदक एवं परिवारजनों को जीवन जीने का एक सहारा नेशनल लोक अदालत ने प्रदान किया।
सालों से चल रहे जमीन विवाद का हुआ निराकरण
ग्राम कुकरीचोली भैसमा तहसील निवासी व्यक्ति ने 19,50,000 रूपये कीमत 13 एकड़ जमीन के लिए न्यायालय में दावा पेश किया गया। प्रतिवादी ने उसे 13,50,000 रूपये प्रदान किया था। शेष राशि को रजिस्ट्री के समय देने की बात कही थी लेकिन नहीं दिया। न्यायालय के समझाइश पर प्रतिवादी ने वादी को एक माह के भीतर 6,00,000 रूपये देना स्वीकार कर लिया। इस तरह लंबे समय से चल रहे जमीन विवाद का निराकरण हो गया।
व्यवहार न्यायालय पाली निपटाए गए 113 प्रकरण
व्यवहार न्यायालय पाली में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता मिश्रा की अध्यक्षता में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, जमीन संबंधी व्यवहारवाद, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस इत्यादि के प्रकरण लगाये गए थे। नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के लिए कुल 142 प्रकरण खंडपीठ के समक्ष रखा गया था, इसमें नियमित दांडिक 24 प्रकरण, सिविल प्रकरण एक, चेक बाउस के दो प्रकरण घरेलू हिंसा के एक प्रकरण तथा संक्षिप्त विचारण के कुल 85 प्रकरण सहित 113 प्रकरणों का निराकरण किया गया।