कोरबा (नईदुनिया न्यूज)। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) में तीसरे चरण में पांच लाख टन क्षमता स्मेल्टर विस्तार परियोजना का काम शुरू हो गया। दो वर्ष के भीतर काम पूर्ण होते ही बाल्को की उत्पादन क्षमता बढ़ कर 10 लाख टन हो जाएगी। बालको के विस्तार के साथ ही राज्य के राजस्व में बढोत्तरी होगी।
बाल्को में विस्तार कार्य शुरू होने के साथ ही क्षेत्र में एक बार भी व्यवसाय बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। लंबे अरसे से जिले में नया निर्माण कार्य नहीं चल रहा है, इससे व्यवसायिक गतिविधि थम गई थी। बिना किसी अतिरिक्त जमीन की मांग के बालको संयंत्र परिसर की ही खाली जमीन पर नया विस्तार कर रहा है। बाल्को में कार्यरत मानव श्रम का 86 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ का है। इसी प्रकार 84 फीसदी नियमित कर्मचारी तथा 86 प्रतिशत आउटसोर्सिंग के कर्मचारी भी प्रदेश के निवासी है। वेदांता समूह ने प्रदेश के सकारात्मक औद्योगिक माहौल को बालको के जरिए निरंतर नए आयाम दिए हैं।
विनिवेश के बाद बाल्को की उत्पादन क्षमता लगातार बढ़ते जा रही है। दस लाख टन क्षमता होने पर वेदांता समूह की कंपनी बाल्को न केवल छत्तीसगढ़ में पहले व देश में दूसरे स्थान पर पहुंचने वाली औद्योगिक इकाई होगी। इससे छत्तीसगढ़ को भी बढ़ा हुआ राजस्व मिलने से फायदा होगा और स्थानीय स्तर पर विकास होने की संभावना जताई जा रही है। इसकी मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि कहीं भी बाल्को जैसी विस्तार परियोजनाएं नहीं बन रही है।सरकारी राजस्व में वृद्धि प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिक्षा स्वावलंबन, बिजली, सड़क आधारभूत संरचना के विकास, पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन, प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर है।
राज्य सरकार की सोच और जल्द निर्णय की क्षमता के कारण अपने औद्योगिक विकास के लिए निवेश का अनुकूल माहौल बनाने में काफी सहायक रही है। छत्तीसगढ़ में बिजली, कुशल श्रमिक, भरपूर खनिज तथा रा मटेरियल बहुतायत में उपलब्ध है जो इसे आधारभूत संरचना, स्टील, एल्यूमिनियम उद्योग में निवेश किया जा रहा है। यहां बताना होगा कि लगभग 10 हजार करोड़ की लागत से विस्तार परियोजना का कार्य किया जा रहा है।