कवर्धा अग्निकांड को पुलिस ने सुलझाया, पुरानी रंजिश के चलते हुई हत्या कर कांग्रेस नेता को लटकाया, चार गिरफ्तार
कवर्धा जिले के कांग्रेस नेता शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की हत्या का मामला बालाघाट पुलिस ने सुलझा लिया है। 15 सितंबर को उसकी लाश एक पेड़ पर मिली थी। हत्या में दिनेश साहू, रोमन साहू, टेकचंद पटेल और राखीलाल हिरवाने को गिरफ्तार किया गया है। दिनेश, जो जिंदा जलाए गए भाजपा नेता रघुनाथ साहू का बेटा है, ने पुरानी रंजिश के चलते हत्या की योजना बनाई।
By Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Wed, 16 Oct 2024 10:20:34 PM (IST)
Updated Date: Wed, 16 Oct 2024 10:20:57 PM (IST)
कवर्धा के कांग्रेस नेता शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की हत्या के पकड़े गए आरोपी HighLights
- बालाघाट पुलिस की जांच ने लोहारीडीह के ग्रामीणों की आशंका को सही ठहराया
- आरोपितों में जिंदा जलाए गए उपसरपंच रघुनाथ का बेटा दिनेश सहित चार शामिल
- बालाघाट जिले में पेड़ पर मिली थी लाश, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया था उपद्रव
नईदुनिया न्यूज, कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह निवासी कांग्रेस नेता शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की हत्या का मामला अंततः बालाघाट पुलिस ने सुलझा लिया है। 35 वर्षीय शिवप्रसाद की लाश 15 सितंबर को बालाघाट जिले के ग्राम बिजटोला में एक पेड़ पर लटकी हुई मिली थी। शव मिलने के बाद से ही लोहारीडीह में मृतक के स्वजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया था।
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों कवर्धा के दिनेश साहू, रोमन साहू, टेकचंद पटेल और बालाघाट के राखीलाल हिरवाने को गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि दिनेश जिंदा जलाए गए भाजपा नेता और उपसरपंच रघुनाथ साहू का बेटा है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हत्या पुरानी रंजिश के चलते हुई थी, जिससे ग्रामीणों की आशंकाएं सही साबित हुईं।
इसलिए की गई थी शिवप्रसाद की हत्या
शिवप्रसाद साहू स्थानीय साहू समाज का अध्यक्ष था, और उसकी गतिविधियों के कारण कई विवाद उठ चुके थे। वह रघुनाथ साहू के खिलाफ उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज करवा चुका था। इस कारण से दोनों परिवारों में तनाव बढ़ गया था। शिवप्रसाद ने दिनेश को भी बुरी तरह मारा था और रोमन के घर को जलाने का प्रयास किया था।
दिनेश और रोमन ने हत्या की योजना बनाने के लिए अपने साथी टेकचंद के साथ मिलकर निर्णय लिया। पुलिस के अनुसार, दिनेश ने पहले शिवप्रसाद के सिर पर डंडे से हमला किया और फिर गमछे से गला घोंटकर उसे मार डाला।
शिवप्रसाद की हत्या के बाद, उसके स्वजनों और ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा था। आक्रोशित भीड़ ने रघुनाथ साहू के परिवार पर हत्या का आरोप लगाते हुए उनके घर में तोड़फोड़ की और रघुनाथ को बांधकर घर में आग लगा दी। इस घटना में रघुनाथ की जलकर मौत हो गई थी, जबकि अन्य परिवार के सदस्य पुलिस द्वारा बचाए गए।
इस माब लिचिंग की घटना में पुलिस ने 69 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक आरोपित प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई।