नईदुनिया न्यूज, कवर्धा। जिले के लोहारीडीह अग्निकांड के आरोपी व भाजपा कार्यकर्ता प्रशांत साहू की मौत पुलिस की पिटाई से हुई थी। हालांकि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। उच्च अधिकारियों की जांच में इस मामले के पांच अन्य आरोपियों के शरीर पर भी चोट के निशान है। इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एएसपी विकास कुमार को निलंबित कर दिया है। मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की है।
उप सरपंच रघुनाथ साहू के जिंदा जलने व मामले के एक आरोपी की जेल में मौत से राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार, गृहमंत्री और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज व पूर्व मंत्री शिव डहरिया गुरुवार दोपहर को लोहारीडीह पहुंचे थे।
पूर्व सीएम भूपेश ने कहा कि घटना के समय एसपी अभिषेक पल्लव मौजूद थे, लेकिन वे स्थिति को संभालने के बजाय वीडियो बनाने में व्यस्त थे। यह घटना पुलिस की लापरवाही का नतीजा है। मृतक प्रशांत के भाई ने आरोप लगाया कि मेरे भाई के साथ पुलिस ने बर्बरता की है। इसी के चलते उनकी मौत हुई। गुरुवार को मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार देर शाम जिला अस्पताल में मृतक के स्वजन और लोहारीडीह में ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार मृतक परिवार के साथ है। हर संभव सहायता प्रदान करेगी। विचाराधीन बंदी प्रशांत की मौत की जांच के लिए बुधवार रात को राजनांदगांव आईजी दीपक झा और डीजी जेल हिमांशु गुप्ता को भेजा था। उन्होंने जेल दाखिला रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों की जांच की।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि राजनांदगांव आईजी और डीजी की रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि घटना के समय पुलिस ने लापरवाही बरती थी। प्रशांत साहू सहित पांच अन्य आरोपीों के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं, जो पुलिस की मारपीट की ओर इशारा करते हैं। जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मृतक के स्वजन को मुआवजा देने के साथ-साथ निष्पक्ष जांच का आदेश दिया है, जिससे दोषियों को सजा मिल सके।