कांकेर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।कोरोना काल ने कई क्षेत्रों को बुरी तरह से प्रभावित किया है, जिसमें शिक्षा भी प्रमुख है। कोरोना काल में स्कूल कालेज बंद होने से शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है। ऐसा ही मामला उस समय देखने को मिला, जब चाइल्ड लाइन की टीम ने सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति कर रहे दो बच्चों को रेस्क्यू किया। पूछताछ में पता चला कि बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया है, लेकिन स्कूल बंद होने के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा रहे है और भिक्षावृत्ति के कार्य में लग गए हैं।
शहर में मंगलवार को पुलिस थाने के आसपास तीन नाबालिग बच्चे हाथों में सांप की टोकरी लिए दुकान-दुकान जाकर भिक्षावृत्ति कर रहे थे। बच्चों को दुकान में जाकर भिक्षावृत्ति करता देख वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को दी। विभाग द्वारा इसकी सूचना चाइल्ड लाइन की टीम को दी गई। जिस पर चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंची। चाइल्ड लाइन की टीम ने दो बच्चों को रेस्क्यू किया।
चाइल्ड लाइन के समन्वयक अमित बघेल ने बताया कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया के माध्यम से सूचना मिली थी कि बस स्टैण्ड के पास दो-तीन बच्चे बच्चे सांप दिखा कर भिक्षावृत्ति कर रहे है। जिस पर अमित बघेल, अंजिता पोया, महेश साहू, विनोद यादव, भुपेन्द्र सिन्हा की टीम मौके पर पहुंची। जहां दुकानों में बच्चे सांप दिखा कर पैसा ले रहे थे। टीम के द्वारा बच्चों को रेस्क्यू करके बालक कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बच्चों ने बताया की वे अपनी दादी के साथ ग्राम चारभाटा ठाकुरपारा से कांकेर घूम-घूमकर सांप दिखाने के लिए आए हुए हैं। जिसके बाद टीम के द्वारा बच्चों की दादी को भी बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया। बालक कल्याण समिति द्वारा बच्चों की दादी को समझाया गया कि बच्चों को दोबारा भिक्षावृत्ति करने ना भेजें। जिस पर उन्होंने बताया कि बच्चों को स्कूल में दाखिला कराया गया है, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण वे स्कूल नहीं जा रहे है औरसांप दिखाने का कार्य कर रहे हैं। जिस पर बालक कल्याण समिति ने बच्चों को स्कूल भेजने के निर्देश दिए और दोबारा इस प्रकार सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति करते पाए जाने पर कार्रवाई करने की बात भी कही।
खतरनाक साबित हो सकता है यह खेल
सांप दिखाकर भिक्षावृत्ति करना बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। रेस्क्यू किए गए बच्चों की उम्र लगभग 8 से 12 वर्ष के बीच है। इतने छोटे बच्चों द्वारा इस प्रकार जहरीले सांप को टोकरी में लेकर जगह-जगह जाकर प्रदर्शित किया जाना बहुत ही खतरनाक है। सांप जहरीले होते हैं और बच्चों को काट सकते हैं, जिससे अनहोनी भी हो सकती है।