छोटेकापसी। छोटेकापसी व बड़े कापसी की सीमा रेखा कही जाने वाली कापसी की जीवनदायनी देवदा नदी मुख्य मार्ग पर स्थित पुल के पास जलकुंभी से पटी देवदा नदी के पानी में मच्छरों के पनपने से ग्रामीणों को बीमारी का डर सताने लगता है। वही एक ओर जहां सरकार मलेरिया मुक्त अभियान चला रही है। वही नदी में मछर पनपने से मछर से होने वाली बीमारी को खतरा दिखाई पड़ता है। कापसी पुल के पास इन दिनों जलकुंभी से देवदा नदी में सिर्फ गंदगी दिखाई दे रही है।
पुल के पास नदी में चारों ओर जलकुंभी और गंदगी ही दिखाई दे रही है। इसके अलावा नदी में जमे पानी से मच्छर पनपने लगे हैं, जिससे पुल के आसपास के क्षेत्रों में बीमारियों का खतरा बढ़ने लगे हैं। आने वाले कुछ दिनों में जब नदी का पानी भर जाएगा तो उस समय इसे हटाकर नदी की सफाई नही की जा सकेगी अगर अभी कुछ दिनों में सफाई हो जाये तो कापसी के लोगों दूषित जल एवं मच्छर की वजह से होने वाली बीमारियों से बच सकेंगे, इसके लिए शासन प्रशासन को अभी से प्लान बनाना चाहिए ताकि बरसात से पहले नदी को साफ किया जा सके। इस समय नदी कई जगह हरे भरे मैदान की तरह दिखाई दे रही है।
नदी के भरे रहने से त्योहारों पर लोग करते हैं पूजा-अर्चना
देवदा नदी में पानी भरे रहने पर बहुत सारे फायदे हैं। त्योहारों पर महिलाएं और अन्य लोग नदी के इन्हीं घाटों पर आकर पूजा अर्चना करते हैं। इसलिए भी इस नदी की चिंता करना जरूरी है। इसके अलावा जब तक नदी लबालब भरी रहती है, तब तक आसपास क्षेत्रों के पेयजल स्रोत रिचार्ज होते रहते हैं। अब जब नदी सूखने लगी है तो पेयजल स्रोतों में तेजी से जल स्तर नीचे जाने लगा है। पिछले कई सालों से देवदा नदी में जलकुंभी की समस्या होने लगी है। यह जलकुंभी नदी के पूरे पानी को दूषित कर देती है।
यही नहीं इससे तेजी से नदी का जल स्तर भी नीचे चला जाता है। इस साल भी नदी का यही हाल है। पुल और स्टाफ डेम के पास नदी में इस कदर जलकुंभी और गंदगी दिखाई देने लगी है कि यहां पर नदी का पानी भी नहीं दिखाई दे रहा है। ग्रामीण सुजय हालदार, विस्वजीत दास, बिपुल विस्वास, राजू हीरा, राजेश, सतोजीत सरकार आदि ने नदी की सफाई करने की मांग की है।