मतांतरण से बदल गई आदिवासी बाहुल्य गांव कोरकोटोली की सामाजिक तस्वीर
मतांतरण से किस तरह आदिवासियों की सामाजिक स्थिति में बड़ा बदलाव आ रहा है,इसकी जमीनी हकीकत जशपुर जिले के आस्ता थाना क्षेत्र के कोरकोटोली में देखा जा सकता है। चारों ओर घने जंगल से घिरे इस गांव में शत प्रतिशत आदिवासी रहा करते थे। लेकिन बीते पांच साल में इस गांव में मतातंरण का ऐसा षड़यंत्र रचा गया कि 37 में से सिर्फ 7 परिवार ही हिंदू मतावंलबी रह गए
By Yogeshwar Sharma
Publish Date: Thu, 21 Nov 2024 09:01:35 PM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Nov 2024 09:01:35 PM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि,जशपुरनगरः मतांतरण से किस तरह आदिवासियों की सामाजिक स्थिति में बड़ा बदलाव आ रहा है,इसकी जमीनी हकीकत जशपुर जिले के आस्ता थाना क्षेत्र के कोरकोटोली में देखा जा सकता है। चारों ओर घने जंगल से घिरे इस गांव में शत प्रतिशत आदिवासी रहा करते थे। लेकिन बीते पांच साल में इस गांव में मतातंरण का ऐसा षड़यंत्र रचा गया कि 37 में से सिर्फ 7 परिवार ही हिंदू मतावंलबी रह गए हैं।
शेष 29 परिवार मतांतरित हो गए हैं। मतांतरण मामले की जांच के लिए पहुंची भाजपा की पांच सदस्यीय टीम के सामने ग्रामीणों ने खुलकर अपनी बात रखी। भुईहर समाज के अध्यक्ष भल साय सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अशिक्षा का लाभ उठाते हुए मतांतरण कराया जा रहा है। कोरकोटोली के रहवासियों ने बताया कि मतांतरण के लिए हनी ट्रेप का इस्तेमाल किया जा रहा है। मतांतरित युवतियां, युवकों को प्रेम पाश में बांधकर उन्हें चर्च तक ले जाती है और बपतिस्मा कराकर मतांतरण कराया जाता है। कोरकोटोली के विवादित मामले में मृतक राजेंद्र चोराट के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था।
मृतक की बहन प्यारी बाई और पत्नी ने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा के नेतृत्व वाली जांच दल को बताया कि राजेंद्र का विवाह चर्च में किया गया था। बाद में उनके स्वजनों ने घर में हिंदू रीति से विवाह की परंपरा पूरी की गई थी लेकिन राजेंद्र ने मतांतरण कर हिंदू धर्म को छोड़ कर मतांतरित हो गया था। हालांकि जांच दल ने राजेंद्र चोराट के मतांतरण को वैधानिक रूप से अस्वीकार कर दिया। शिवरतन शर्मा, विधायक रेणु सिंह का कहना था कि मतांतरण के लिए निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
खईड़कोना मतांतरितों का तीर्थस्थल
कोरकोटोली के पास मतांतरितों का तीर्थस्थल खईड़कोना स्थित है। मतांतरिता इसे अपना तीर्थस्थल मानते हैं। उनका दावा है कि 21 नवंबर 1906 में 56 लोगों को पहली बार मतांतरित कराया था। यहां स्थित चर्च में मतांतरित कराएं गए लोगों के नामों की शिलालेख भी लगाया गया है। हर साल 21 नवंबर को चर्च में विशेष प्रार्थना सभा और मिस्सा पूजा का आयोजन किया जाता है।
मतांतरण का कारण
कोरकोटोली में मतांतरण का सबसे बड़ा कारण अशिक्षा और जागरूकता की कमी है। भुईहर समाज के अध्यक्ष भलसाय ने जांच दल के सामने खुल कर अपनी बातें रखी। उन्होनें कि शिक्षा और जागरूकता होती तो युवा वर्ग पुरखों के धर्म और परंपरा से विमुख नहीं होते। वहीं विधायक रेणुका सिंह ने कोरकोटोली में पहुंच मार्ग सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास की जरूरत बताई।
वर्जन
कोरकोटोली में 37 में से 7 परिवारों को छोड़ कर शेष सभी मतांतरित हो गए हैं। यहां हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। यह गंभीर विषय है कि बिना विधि द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए ही मतांतरण हो गया है। सरकार इसकी जांच करेगी और कार्रवाई की शुरूआत इसी गांव से होगी।
-रेणुका सिंह,विधायक,भरतपुर सोनहत
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