नईदुनिया न्यूज,कोतबाः धान मंडी में छापा मार कर तहसीलदार ने 235 बोरी संदिग्ध धान जब्त किया है। मामला सामने आने पर एक बार फिर ओडिशा और झारखंड से लगे हुए जशपुर जिले में चल रहे धान की तस्करी का बड़ा मामला फूटा है। बीते 10 दिनों में जिले में उजागर हुआ यह तीसरा मामला है। इससे पहले कुनकुरी और दुलदुला ब्लाक में पांच सौ बोरी से अधिक धान प्रशासन ने जब्त करने की कार्रवाई की थी। दुलदुला में सरकारी सामुदायिक भवन में कोचियों ने अवैध धान को जमा करके रखा हुआ था।
बागबहार के तहसीलदार कृष्णमूर्ति दीवान ने बताया कि जशपुर जिले के आदिमजाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित कोतबा में प्रभारी प्रबंधन उर्मिला पैंकरा व फड़ प्रभारी लिपिक राजकुमार बंजारा द्वारा व्यापक अनियमितता बरतने व भ्रष्टाचार की शिकायत पर देर रात 11 बजे अचानक छापामारी करने बागबहार तहसीलदार कृष्णमूर्ति दिवान दलबल के साथ कोतबा मण्डी प्रांगण पहुंचे जहां फोन कर महिला प्रबंधक उर्मिला पैंकरा को बुलाकर गोदाम की चाबी लेकर भौतिक सत्यापन करवाने कहा काफी देर होने के बाद 12 बजे प्रबंधक व फड़ प्रभारी चाबी लेकर आए गोदाम खोलने पर लगभग 235 बोरी धान मार्कफेड के शासकीय बोरो में प्लास्टिक व जुट में भर्ती कर छली लगा पाया गया। जिसके बारे में बयान दर्ज कराते हुए प्रबंधक उर्मिला पैंकरा ने बताया कि ये धान उठाव होने के बाद झाड़ू मारकर बचा हुआ धान है जो कि हमालों ने सफाई नहीं हो पाने से बाद में ले जाने की बात कह कर यहां रखवाया है। जिसका समर्थन करते हुए राजकुमार बंजारा ने भी में बयान दर्ज करवाया की 235 बोरी धान जो गोदाम में छली लगा कर रखा है वो मजदूरों द्वारा झाड़ू मार कर रखा धान है।
दोनों के बयान के बाद तहसीलदार ने पंचनामा बना कर गोदाम को सील कर दिया गया। इस पूरी कार्यवाही में सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जब मण्डी में उठाव के दौरान ही धान में घटती व सूखती दिखाकर मात्रा कम होना व निरंक बताया गया है तो आखिर 235 बोरी पुराना धान शासकीय बोरी में साफ पैक कर रखे धान को प्रबंधक द्वारा मजदूरो हमलों ने झाड़ू मार कर एकत्रित कर रखा हुआ बताया जा रहा है। जो अनियमितता को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।
तहसीलदार बागबहार कृष्णमूर्ति दीवान ने कहा कि उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार मण्डी के एक गोदाम का भौतिक सत्यापन किया गया जिसमे 235 बोरी धान संदेहास्पद रूप से रखा हुवा पाए जाने पर गोदाम को सील कर जाँच पंचनामा कार्यवाही कर अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया जा रहा है।
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