नईदुनिया न्यूज, जांजगीर-चांपा : हनुमान जी मूर्ति मठ मंदिर लोक न्यास डोंगाघाट चांपा के सर्वराकार नरोत्तम दास के निधन पश्चात नारायण दास को सर्वराकार नियुक्त किए जाने पर कुछ माह पहले आपत्ति दर्ज की गई थी। उसके बाद यह मामला जिला न्यायालय में लंबित है।
ऐसी स्थिति में जब तक न्यायालय का निर्णय नहीं आ जाता है तब तक पब्लिक ट्रस्ट का पंजीयन या फिर कोई संचालन समिति बनाकर उसका पंजीयन करना अवैधानिक है। इसी आधार पर कन्हैयादास सहायक मैनेजर श्रीराम नाम बैंक मणीराम दास छावनी अयोध्या एवं सर्वराकार हनुमान जी मूर्ति मठ मंदिर चांपा ने चांपा एसडीएम के समक्ष आपत्ति दर्ज की है। इस तथ्य से प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में है।
सर्वराकार को लेकर मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद न केवल लोक न्यास संचालन के लिए समिति गठित कर बकायदा 10 जून 2024 को उप पंजीयक चांपा के समक्ष पंजीकृत किया गया है, बल्कि चांपा शहर की सांस्कृतिक धरोहर श्री हनुमान व्यायाम शाला भवन को ध्वस्त कर उसका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया।
जब सर्वराकार की नियुक्ति का मामला विवादित है और यह मामला न्यायालय में है तो प्रशासन क्यों संचालन समिति का पंजीयन कर न्यायालय की अवहेलना कर रहा है। इस पूरे मामले में शिकंजा कसने के बजाय राजस्व प्रशासन ने पब्लिक ट्रस्ट पंजीयन करने के लिए बकायदा छह नवंबर को ईश्तहार का प्रकाशन कराया है।
कानून के जानकारों का कहना है कि जब कोई मामला न्यायालय में लंबित हो तो उससे संबंधित कोई भी क्रियाकलाप बगैर न्यायालय के निर्णय आए बगैर नहीं किया जा सकता। राजस्व प्रशासन कार्यशैली निश्चित ही न्यायालय की अवहेलना की श्रेणी में आता है।
खास बात यह है कि इस पूरे मामले से चांपा एसडीएम भली भांति परीचित हैं क्योंकि सर्वराकार नियुक्ति को लेकर मामला उनके न्यायालय में भी आया था, लेकिन उन्होंने यह मामला जिला न्यायाधीश के न्यायालय में होने का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था। ऐसी स्थिति में संचालन समिति का पंजीयन और पब्लिक ट्रस्ट पंजीयन करने के लिए ईश्तहार का प्रकाशन किस आधार पर किया गया जबकि वह पूरी तरह अवैधानिक है।
पूर्व में भी हनुमान मंदिर में हुई थी तोड़फोड़
प्रशासन से प्रश्रय मिलने के कारण समिति का हौसला सातवें आसमान पर है। यही वजह है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ताक पर रखकर तोड़फोड़ करना और भगवान की मूर्ति को यत्र-तत्र रखना फितरत में शामिल होते जा रहा है।
इसके पहले भी मंझली तालाब में स्थित हनुमान मंदिर पर तोड़फोड़ कर मूर्ति को उठाकर लावारिस की तरह रखने के संवेदनशील मामले ने काफी तूल पकड़ा था। आखिरकार तत्कालीन एसडीएम की अगुवाई में प्रशासन और तत्कालीन सर्वराकर नरोत्तम दास ने इस मामले का बड़ी चतुराई के साथ पटाक्षेप किया था, तब जाकर कहीं मामला शांत हुआ था।
डोंगाघाट लोक न्यास पंजीयन के लिए अभी सिर्फ इश्तहार प्रकाशन हुआ है। लोक न्यास का अभी केवल पंजीयन हुआ है। विभिन्न तरह की आपत्ति इस पर आ रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी। लोक न्यास संचालन के लिए गठित समिति का पंजीयन करना दूसरे विभाग का मामला है। उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
नीरनिधि नंदेहा
एसडीएम, चांपा
दोनों पक्षों को नोटिस दिए है, जो भी वैध दस्तावेज है उसे प्रस्तुत करें। उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
यदुमणि सिदार
एसडीओपी, चांपा