जगदलपुर। ब्यूरो
दंतेवाड़ा में स्टील प्लांट लगाने के लिए एस्सार स्टील को बैलाडीला में डिपाजिट तीन के लिए मिला पूर्वेक्षण लायसेंस (पीएल) राज्य शासन ने निरस्त कर दिया है। यह कार्रवाई इसी साल अप्रैल में राज्य शासन की ओर से की गई थी लेकिन एस्सार स्टील राज्य शासन के फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार के माइनिंग ट्रिब्यूनल में अपील कर दिया था। इस संदर्भ में माइनिंग ट्रिब्यूनल के पत्र का जवाब भी गत माह राज्य शासन ने भेज दिया है, जिसमें कहा है कि पूर्वेक्षण के लिए एस्सार स्टील को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। इसे अब बढ़ाया जाना संभव नहीं है। इस तरह एस्सार स्टील की बस्तर से विदाई तय मानी जा रही है।
विदित हो कि नौ माह पूर्व फरवरी में लोहंडीगुड़ा में स्टील प्लांट के लिए टाटा स्टील को आवंटित पूर्वेक्षण लायसेंस की अवधि बढ़ाने से भी राज्य शासन ने इंकार करते हुए लायसेंस निरस्त कर दिया था। इससे लोहंडीगुड़ा स्टील प्लांट प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा था। इधर खनिज साधन विभाग छग शासन की संचालक रीना बाबा साहब कंगाले ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि एस्सार स्टील ने फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर राज्य शासन को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने निर्देशित करने की मांग की थी। इससंबंध में राज्य शासन ने अपना जवाब केन्द्र को भेज दिया है।
धुरली में लगना था एस्सार स्टील प्लांट
एस्सार स्टील का दंतेवाड़ा जिले के धुरली में स्टील प्लांट लगाने का प्रस्ताव था। इसके तहत कंपनी को बैलाडीला के लौह अयस्क भंडार क्षेत्र में डिपाजिट दो के आंशिक हिस्से तथा तीन, छह, सात, आठ और नौ को मिलाकर कुल 2484.10 हेक्टेयर क्षेत्र में पूर्वेक्षण के लिए 13 सितंबर 2009 को राज्य शासन ने पूर्वेक्षण लायसेंस जारी किया था। दो-दो और एक साल को मिलाकर पांच साल की अवधि में भी एस्सार ने क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था की खराब स्थिति का हवाला देते हुए पूर्वेक्षण का काम पूरा नहीं कर सका था। एस्सार स्टील की दलीलों को मानते हुए 13 अक्टूबर 2014 को एक साल की मोहलत शासन की ओर से और दी गई थी, जो अक्टूबर 2015 में खत्म हो गई। बताया गया कि एस्सार ने एक बार फिर आवेदन देकर लायसेंस की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था, लेकिन 20 अप्रैल 2016 को शासन ने पीएल की अवधि बढ़ाने से इंकार करते हुए लायसेंस निरस्त कर दिया। इस पर कंपनी ने 27 जून 2016 को माइनिंग ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली है।
प्लांट लगाने नहीं मिली जमीन
एस्सार स्टील ने दंतेवाड़ा जिले के धुरली और भांसी में करीब दो हजार एकड़ जमीन की मांग स्टील प्लांट लगाने के लिए की थी। करीब 3.2 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता का स्टील प्लांट लगाने के लिए कंपनी ने जून 2005 में राज्य शासन के साथ एमओयू किया था। 2008 में दोनों गांवों में जमीन अधिग्रहण को लेकर ग्रामसभाएं बुलाई गई थीं लेकिन ग्रामीणों ने जमीन देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद 2012 में एस्सार ने स्टील प्लांट का स्थान परिवर्तित करते हुए नए स्थान के रूप में डिलमिली क्षेत्र में जमीन देने की मांग रखी थी, जिसे राज्य शासन ने मंजूर नहीं किया।
एस्सार स्टील को दिए गए पूर्वेक्षण 'लायसेंस की अवधि बढ़ाने से शासन ने इंकार कर दिया है। एस्सार स्टील को बैलाडीला में डिपाजिट तीन और कुछ और डिपाजिट को मिलाकर ग्रुप में पूर्वेक्षण लायसेंस जारी किया गया था।'
-प्रमोद नायक, खनिज अधिकारी जिला दंतेवाड़ा
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