टी. सूर्याराव, भिलाई (नईदुनिया)। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के विधायकों की भी अग्नि परीक्षा मानी जाएगी। दुर्ग में नौ विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से सात पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। इस तरह से लोकसभा चुनाव में दोनों ही पार्टी के विधायकों पर अभी से यह दबाव बनने लगा है कि क्या वे जितनी लीड से स्वयं जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं लोकसभा में अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को उससे ज्यादा लीड दिलवा पाएंगे या नहीं? इसे लेकर सभी विधायक गंभीर हैं। लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं और कार्यक्रमों में जा रहे हैं।
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभाओं से भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले 1,59,761 मत अधिक मिले हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशियों को दो विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशियों के मुकाबले 20,987 मत अधिक मिले हैं। इस तरह से भाजपा का अंतर 1,38,774 मतों का है। आपको बताते चलें कि दुर्ग लोकसभा के दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, वैशाली नगर, अहिवारा, बेमेतरा, साजा इन विधानसभा क्षेत्रों से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। वहीं, पाटन और भिलाई नगर विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी जीते हैं।
अब लोकसभा चुनाव में इन जीते विधायक अपनी-अपनी पार्टी के लिए कितने अधिक लाभकारी साबित होंगे, यह तो लोकसभा के परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के लिए कार्यालय खोल लिए हैं। इसके माध्यम से वे अपने पार्टी प्रत्याशी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। यहां पर भाजपा नेता- कार्यकर्ताओं की बैठक भी ले रहे हैं। वहीं, कांग्रेस में अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता कार्यकर्ता काफी उत्साहित है।