नईदुनिया प्रतिनिधि, धमतरी। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के सीतानदी परिक्षेत्र के सातलोर बीट में कुछ शिकारियों ने हाथी और जंगली सुअर का शिकार करने के लिए पोटाश बम का विस्फोट किया है। इस घटना में हाथियों का दल चार समूहों में बंट गया और एक हाथी का बच्चा घायल हो गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, बम लगाने वालों की सूचना देने पर 10,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।
7 नवंबर को, सीतानदी परिक्षेत्र के सातलोर बीट में 38 से 40 हाथियों का दल सिकसार क्षेत्र में विचरण कर रहा था। इस दौरान, किसी ने पोटाश बम से विस्फोट किया। विस्फोट के कारण हाथियों का दल चार हिस्सों में बंट गया, और एक हाथी के बच्चे का जबड़ा सूज गया तथा पैर में चोट आई। घटना स्थल पर खून के धब्बे भी मिले थे, जिससे यह पता चला कि हाथी को चोटें आई हैं। वन विभाग ने ड्रोन और स्टाफ की मदद से घायल हाथी का पता लगाने का प्रयास किया।
इस घटना की सूचना मिलने के बाद, परिक्षेत्र अधिकारी रिसगांव और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर पोटाश बम के टुकड़े बरामद किए। इसके बाद एंटी-पोचिंग टीम और अन्य स्टाफ के साथ छह किलोमीटर तक खून के धब्बों और पगमार्क्स का अनुसरण किया। 10 नवंबर को, ड्रोन और स्टाफ की मदद से घायल हाथी के बच्चे की पहचान की गई, जिसका जबड़ा सूजा हुआ था और पैर में चोट आई थी। अब, 11 नवंबर को डॉक्टरों की टीम द्वारा चोटों का इलाज किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, पोटाश बम का विस्फोट हाथियों को मारने के लिए किया गया था या फिर जंगली सुअर को निशाना बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। घटना के बाद, एसडीओ (उदंती) गोपाल कश्यप के नेतृत्व में लगातार तीन दिनों तक घायल हाथी की खोज की गई।
ईनाम की घोषणा
वन विभाग ने इस मामले में पोटाश बम लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। डाग स्क्वाड की मदद भी ली जा रही है ताकि अपराधियों का सुराग मिल सके। इस घटना की शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज कराई गई है। इस कठिन बचाव कार्य में एसडीओ गोपाल कश्यप, ड्रोन ऑपरेटर मनीष राजपूत, परिक्षेत्र अधिकारी शैलेश बघेल, तथा अन्य स्टाफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।