धमतरी। मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को पिछले आठ से 10 वर्षों तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है। ऐसे में उनके स्वजन शासकीय दफ्तरों का वर्षों से चक्कर लगा रहे हैं।
कलेक्टोरेट पहुंचे उनके स्वजनों ने अब शीघ्र अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने पर आंदोलन करने व सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग जिलेभर के आश्रित शासन से करने की चेतावनी दी है। साथ ही डीएड, बीएड व टेट को शिथिल कर योग्यता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति की मांग शासन से की है।
मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रित पूर्णिमा नेताम, सागर भास्कर, संध्या तारक, प्रभा गुरुपंच, भारती साहू, फलेश कुमार, लेभांशु ध्रुव, रमेकांत साहू आदि आठ जून को कलेक्ट्रेट व जिला पंचायत कार्यालय अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर पहुंचे। कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में आश्रितों ने बताया है कि मृत शिक्षाकर्मियों के जिलेभर में 56 आश्रित परिवार हैं, जिनके एक भी सदस्यों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति शासन से नहीं मिल पाई है।
इन परिवार के सदस्यों के पास बीएड, डीएड व टेट की योग्यता नहीं होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति अधर में है। सभी आश्रितों का कहना है कि शासन बीएड, डीएड व टेट की योग्यता को शिथिल कर इन प्रभावितों को शीघ्र ही योग्यता के आधार पर सहायक ग्रेड तीन व भृत्य की नौकरी पर अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है।
उनके मृत स्वजनों ने 1998 से 18 से 20 सालों तक शिक्षाकर्मी की नौकरी की है। इसके बाद उनके मौत हो जाने के बाद न तो अनुकंपा नियुक्ति मिल पा रही है न ही किसी तरह का कोई पेंशन मिलती है। ऐसे में परिवार चलाने के लिए इनके आश्रितों के सामने आर्थिक तंगी शुरू हो गई है।
समय रहते यदि इन परिवारों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति शासन से नहीं मिल पाती है, तो अब जिलेभर के 56 परिवार सड़क की लड़ाई लड़ने की ठान ली है। हालांकि जिला पंचायत में अधिकारियों ने प्रभावितों को दस्तावेज व आवेदन मंगाए हैं। अब देखना यह है कि अनुकंपा नियुक्ति देने में कितना समय लगेगा।
इन लोगों को अनुकंपा नियुक्ति यदि नहीं मिलती है, तो वे शीघ्र आंदोलन करने और शासन से सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग करने मजबूर होंगे।