धमतरी/मगरलोड। मगरलोड ब्लाक के ग्राम राजाडेरा के वेदमाता गायत्री कामधेनु निजी गौपालन व जैविक अनुसंधान केंद्र(गोशाला) की 37 गायें मर गईं। 159 गोशाला में मौजूद हैं तो 100 से अधिक गाय कहां गईं? ग्रामीणों और चरवाहे का कहना है कि यहां 300 से अधिक गाय थीं। गायों को जमीन खा गई या आसमान निगल गया, जांच का विषय है।
मंगलवार 26 दिसंबर को गौशाला पहुंचकर पशु चिकित्सा विभाग और जनपद पंचायत के कर्मचारियों ने गायों की गिनती कर नंबरिंग की। पशुओं को कृमिनाशक दवा दी गई। यहां वर्तमान में 159 पशु धन है। नईदुनिया के साथ चर्चा में गोशाला के चरवाहा बाबूलाल यादव ने बताया कि गौशाला में काम करते हुए लगभग 2 माह हो गए हैं। यहां 300 से अधिक पशु धन थे। ग्रामीणों ने भी बताया कि गौशाला में 300 से अधिक मवेशी थे।
प्रशासनिक तौर पर सिर्फ 37 मवेशियों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। बाकी के मवेशी कहां गए, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इससे यह आशंका गहराने लगी है कि मवेशियों के मरने का सिलसिला गोशाला खुलने के बाद पशु धन की बढ़ोत्तरी के साथ ही शुरू हो गई थी। यहां चारा, पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थीं। जनपद पंचायत मगरलोड के सीईओ आरके धु्रव, पंचायत निरीक्षक मोहन साहू, करारोपण अधिकारी परमानंद साहू, सचिव रामचंद साहू, जयकरण साहू समेत ग्रामीणों ने मृत मवेशियो का सहसम्मान सद्गति दी।
गायत्री परिवार का संबंध नही
गायत्री परिवार मगरलोड के सदस्यों ने गोशाला संचालक पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सदस्यों का कहना है कि गायत्री परिवार का इस गोशाला से कोई संबंध नहीं है। वेदमाता गायत्री के नाम से गौशाला का नामकरण कर नाम बदनाम करने की कोशिश की गई है। कड़ी कार्रवाई की मांग करने वालों में मैनसिंह हिरवानी, गोविंद साहू, डोमार हिरवानी, मुकेश साहू, फनीन्द्र जगत, ईश्वर सिन्हा, राधेलाल सिन्हा, दयाराम साहू, भागीरथी सोनकर, कमल साहू, वेन लाल साहू, बलीराम साहू, मुरलीधर जगत, गुलाब साहू, हरिश्चंद्र साहू, रूद्र कुमार साहू, डोमन धु्र्रव, योगेश्वर यादव, बेदलाल मानिक, सुरजीत राम साहू, तीजूराम पटेल, नरेन्द्र सिन्हा आदि शामिल हैं ।
जांच में खुलासा, पेयजल की व्यवस्था नहीं
राजाडेरा के गोशाला का उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने स्थल निरीक्षण कर कलेक्टर सीआर प्रसन्ना को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यहां पेयजल की व्यवस्था नहीं है। पशुओं के लिए पास के नाले से पेयजल की व्यवस्था की जाती है। कलेक्टर के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग ने मौजूद 159 पशुओं को कृमिनाशक दवापान कराकर उनके लिए अस्थायी शेड, सूखा चारा व पेयजल की व्यवस्था की है।
गोशाला 3.35 एकड़ तक फैले निजी जमीन में है। परिसर में पशु आहार के लिए पैराकुट्टी एवं सूखा चारा उपलब्ध है। वर्तमान में कोई भी पशु किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित अथवा संक्रमित नहीं है। मृत तीन पशुओं के शव परीक्षण के लिए पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। विभाग की ओर से पशुओं को ठंड से बचाने के लिए तारपोलिन का अस्थायी शेड, पर्याप्त मात्रा सूखा चारा, सांद्र पशु आहार और पेयजल की व्यवस्था जिला प्रशासन के सहयोग से की गई है।
कहां गया मेरा पति
निजी गोशाला के संचालक मनहरण साहू को पकड़कर पुलिस ने जेल भेज दिया है। लेकिन जिसके जमीन पर गोशाला का संचालन किया जा रहा है। उसका कहीं अता-पता नहीं है। भूमि स्वामी दुर्जन धु्रव की पत्नी कुलेश्वरी ध्रुव का कहना है कि 24 अक्टूबर को रात 8 बजे एक व्यक्ति मुंह में गमछा बांधकर गौशाला आया था और मेरे पति को अपने साथ ले गया, जो अब तक नहीं लौटे हैं। कहीं पति का अपहरण तो नहीं हो गया है।
गांव में चर्चा है कि भूमि स्वामी होने की वजह से गौशाला संचालक के बारे में बहुत सी बाते दुर्जन ध्रुव जानता होगा। इसलिए उसका अपहरण तो नहीं हो गया है। इधर मगरलोड थाना प्रभारी नारायण ओटी ने भूमि स्वामी के अपहरण की बात इंकार करते हुए कहा कि जांच से बचने के लिए वह कहीं छिपा हो सकता है।