धमतरी। शहर में मिशन क्लीन सिटी योजना की शुरुआत हो चुकी है। समूह की महिलाओं द्वारा वार्डों के घर व दुकानों में डोर-टू-डोर जाकर कचरा उठाने का डेमो चल रहा है। कचरा रखने शहरवासियों को निगम की ओर से हरा व नीला डस्टबिन वितरण किया जाएगा। इसकी तैयारी में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अधिकारी-कर्मचारी जुटे हुए हैं।
नगर निगम के क्लीन धमतरी का सपना जल्द पूरा होने वाला है। निगम में मिशन क्लीन सिटी योजना की शुरुआत हो गई है। योजना के तहत शहर के सभी 40 वार्डों को क्लीन रखने के लिए निगम ने प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही इसकी शुरुआत होने वाली है।
निगम के सहायक परियोजना अधिकारी देवेश चंदेल ने बताया कि घर व दुकानों से निकलने वाले कचरा को रखने शहर के 22 हजार परिवारों को नगर निगम की ओर से हरा व नीला रंग का डस्टबिन दिया जाएगा। हरा डस्टबिन में सूखा कचरा और नीला डस्टबिन में गीला कचरा रखा जाएगा।
10 एसएलआरएम सेंटर बनेगा
कचरा उठाने प्रत्येक वार्डों में महिला समूह के 3-3 चयनित महिला डोर-टू-डोर पहुंचेगी, जो कचरा उठाकर रिक्शा में डालेंगी। रिक्शा के माध्यम से यह कचरा निगम के चिन्हांकित 10 एसएलआरएम सेंटर में जमा की जाएगी। 3 सेंटर का निर्माण हो चुका है। अन्य सेंटरों के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया है।
सेंटरों में गीला कचरा से कम्पोस्ट खाद बनाया जाएगा और सूख कचरा जैसे बॉटल, पॉलीथिन, लोहा, कांच, प्लास्टिक सामग्री को समूह की महिलाएं बेचेगी। यह राशि वह स्वयं अपने पास रखेगी।
सफाई कर 60 रुपए निर्धारित
शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए प्रत्येक वार्डों में महिला समूह की 3-3 महिलाएं चयनित की जाएगी। जिसे निगम की ओर से प्रति माह 5-5 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। चयनित महिलाओं का नाम राज्य शासन को भेजा जाएगा।
इसके आधार पर निगम को शासन से बजट मिलेगा। योजना में करीब 170 लोग कार्य करेंगे, जिसके लिए लाखों का बजट चाहिए। मानदेय के लिए निगम प्रत्येक घर से हर माह 60 रुपए वसूलेगा। एक दिन का 2 रुपए सफाई कर लिया जाएगा। समूह की महिलाओं का चयन करने के लिए हर रोज घरों व दुकानों में डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिये किया जा रहा है। इसमें से प्रतिदिन जाने वाली महिलाओं का नाम चयन कर शासन को भेजी जायेगा।
रोजाना नाली सफाई की जरूरत नहीं
सहायक परियोजना अधिकारी चंदेल ने बताया कि इस योजना के तहत डोर-टू-डोर कचरा उठाने के बाद घरों व दुकानों का कचरा डस्टबिन से सीधे एसएलआरएम सेंटर चला जाएगा। जिससे शहर के चौक-चौराहों व नालियों में कचरा नहीं दिखेगा।
ऐसे में हर रोज नालियों की सफाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। छह माह व साल में ही सफाई करना पड़ेगा। निगम अधिकारी-कर्मचारियों ने प्रदेश के अंबिकापुर जिले में इस योजना के तहत हुए कार्यों का निरीक्षण कर आए है।