दंतेवाड़ा Raksha Bandhan 2020 । बम धमाकों और गोलियों की आवाज के बीच दंतेवाड़ा में शनिवार को एक नक्सली भाई ने बहन को नायाब तोहफा दिया। रक्षाबंधन पर बहन की इच्छानुसार वह नक्सली पंथ छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ने पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया। बहन उसे लेकर खुद एसपी के पास पहुंची थी और कहा, मेरा भाई घर वापस आ गया है। अब कोई गलत काम नहीं करेगा, मेरे साथ रहेगा।
किसी हिंदी सिनेमा की तरह यह कहानी आठ लाख रूपये के इनामी नक्सली मल्ला तामो और उसकी बहन लिंगे की है। पालनार का मल्ला 14 साल पहले अपने चाचा से मिलने बीजापुर के डोडी तुमनार गया और नक्सलियों के प्लाटून नंबर 13 में शामिल हो गया था। आज वह प्लाटून में डिप्टी कमांडर की हैसियत से रहता था और कई तरह के हथियार चलाना जानता है।
पुलिस लाइन कारली में शनिवार की शाम पालनार की रहने वाली लिंगे अपने भाई मल्ला तामो को लेकर पहुंची थी। उसके साथ लिंगे का पति भी था। लिंगे ने फोन पर एसपी को बताया था कि उसका भाई मल्ला तामो जंगल से वापस आ गया है। मेरे साथ गांव में रहेगा और अब कोई गलत काम करेगा और न नक्सलियों के साथ जाएगा। वह सरेंडर कर पुलिस का साथ देगा।
खबर के बाद पुलिस के आला अधिकारी कारली पहुंचे। जहां लिंगे ने एसपी डॉ अभिषेक पल्लव और सीआरपीएफ के डीआइजी विनय कुमार सिंह के समक्ष समर्पण किया। उसने बताया कि 13 साल की उम्र में अपने चाचा के पास तुमनार गया था। उसका चाचा नक्सली संगठन में मिलीशिया कमांडर था। लेकिन इसे प्लाटून नंबर 13 का सदस्य बनाया गया।
कुछ साल में वह सेक्शन कमांडर और उसके बाद डिप्टी कमांडर बनाया गया। इधर उसकी बहन लिंग तामो बताती है कि उसका भाई करीब 14 साल बाद उससे मिलने घर पहुंचा था। उसे काफी समझाइश देकर समर्पण के लिए तैयार किया। लिंगे का कहना है कि वह हमेशा लोगों के माध्यम से मल्ला के पास खबर भिजवाती थी कि वह संगठन छोड़कर घर वापस आ जाए।
अब जब घर पहुंचा तो अपनी बात मनवाने में सफल हो गई। इसके बाद डीआरजी के जवानों के माध्यम से फोन पर एसपी से सीधे बात की और भाई को लेकर दंतेवाड़ा कारली पहुंची। उसे खुशी है कि 14 साल के वनवास के बाद उसका भाई घर लौट आया है। अब मिलकर साथ रहेंगे। अब किसी भी मुठभेड़ कर बाद भाई को खोने का भय नहीं रहेगा।
भाई - बहन को घर लौटने की अपील
इधर समर्पित नक्सलियों ने भाई -बहन को लौटने की अपील मीडिया के जरिये किया है। इसी माह जगदलपुर में समर्पण करने वाली चांदामेटा निवासी 5 लाख रूपये की इनामी महिला नक्सली दशमी ने अपने भाई लक्षमण को घर लौटने कह रहा है।
दशमी बताती है कि उसका भाई माचकोट में एलएसओ सदस्य है। दशमी ने भाई लक्ष्मण से कहा कि उसने अपने पति वर्गीस को एक मुठभेड़ में खोने के बाद जाना कि जंगल की जिंदगी बेकार है। अब भाई को खोना नहीं चाहती। इसलिए वह वापस लौट आए। वहीं अरनपुर निवासी 8 लाख रूपये के इनामी बादल ने कुछ माह पहले सुकमा में सरेंडर किया है। वह भी अपनी बहन जोगी करतम को घर आने का अपील की है। जोगी भी दरभा डिवीजन की सदस्य है। उस पर 5 लाख का इनाम है।