मक्का से साइलेज निर्माण करेंगी समूह की महिलाएं
साइलेज पशुओं को खिलाने के लिए दो माह में दूधिया अवस्था में मक्के को काटकर बनाया जाता है। मक्के चारे से किण्वन प्रक्रिया द्वारा निर्मित चारा पौष्टिक होता है। इसमें 7-8 प्रतिशत प्रोटीन एवं 70 प्रतिशत तक ऊर्जा देने वाले पदार्थ होते हैं। बारिश के दिनों में बनाकर इसे वर्ष भर के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Sat, 01 Jan 2022 10:36:32 PM (IST)
Updated Date: Sat, 01 Jan 2022 10:36:32 PM (IST)
कोंडागांव (नईदुनिया न्यूज)। जिले में मक्के की प्रचुरता को देखते हुए वर्ष 2017 में रूर्बन मिशन अंतर्गत पशु चिकित्सा विभाग द्वारा साइलेज निर्माण की योजना प्रस्तावित की गई थी। इसके लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा विकास खंड कोंडागांव मुख्यालय से 21 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कमेला में मां दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाओं को साइलेज बनाने की मशीन प्रदान की गई है।
मां दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाओं को डाक्टर नीता मिश्रा प्रभारी पशु चिकित्सालय कोंडागांव द्वारा साइलेज निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डा. शिशिर कांत पांडे के मार्गदर्शन में गुरुवार को मक्के से साइलेज बनाने हेतु चाफ कटर, साइलेज प्रेसिंग मशीन एवं वैक्यूम मशीन आदि समूह की महिलाओं को प्रदान किया गया है। साइलेज पशुओं को खिलाने के लिए दो माह में दूधिया अवस्था में मक्के को काटकर बनाया जाता है। मक्के चारे से किण्वन प्रक्रिया द्वारा निर्मित चारा पौष्टिक होता है। इसमें 7-8 प्रतिशत प्रोटीन एवं 70 प्रतिशत तक ऊर्जा देने वाले पदार्थ होते हैं। बारिश के दिनों में बनाकर इसे वर्ष भर के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। साइलेज वर्तमान में 06 रुपये प्रति किलो की दर से विक्रय किया जा रहा है। ं असमय बारिश एवं प्रतिकूल मौसम के कारण बीज उत्पादन के लिए रोपित मक्के को चार माह रखना पड़ता है। इसे 1400-1600 रुपए प्रति क्विंटल बेचते हैं। वहीं मात्र दो माह में दूधिया अवस्था में मक्के को काटकर साइलेज बनाते हैं। बता दें कि महिलाओं के उत्थान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं।