Bilaspur News: बाल विवाह रोकने गांव-गांव में बनाएंगे मुखबिर
गांवों में 18 साल से कम उम्र की बालिकाओं और 21 साल से कम उम्र के बालकों की बना रहे सूची,कोरोना काल के बाद अब पहली बार बिना किसी गाइडलाइन के शादियां होंगी। इनमें नाबालिगों का विवाह होने की आशंका रहती है।
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Sun, 30 Oct 2022 02:10:29 PM (IST)
Updated Date: Sun, 30 Oct 2022 02:10:29 PM (IST)
बिलासपुर। बाल विवाह रोकने गांव-गांव में मुखबिर तैनात किए जाएंगे। इसके लिए इस बार नए प्रयोग करते हुए विवाह में सेवाएं देने वाले केटर्स, कार्ड छापने वाले प्रिंटर्स, डीजे-धुमाल वालों से जानकारी जुटाई जाएगी, जिससे इस कुरीति पर रोक लगाई जा सके।
देवउठनी एकादशी जे बाद से शादी की मुहूर्त शुरू हो जाएगा।
बाल विवाह रोकने के लिए गांव स्तर पर 18 साल से कम उम्र की बालिकाओं और 21 साल से कम उम्र के बालकों की सूची तैयार की जाएगी। यह काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को सौंपा जाएगा। ये कार्यकर्ता दस्तावेज (जन्म प्रमाण पत्र, अंकसूची) देखकर बच्चों का डेटा तैयार करेंगी।
अधिकारियों का मानना है कि इस उम्र के बच्चों का डाटा रहेगा, तो नाबालिग की शादी नहीं हो पाएगी। ऐसे मामलों को तुरंत रोका भी जा सकेगा। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। देवउठनी एकादशी में चार नवंबर से वैवाहिक मुहूर्त शुरू हो रहे हैं।
0 सेवाएं नहीं देने की अपील
कलेक्टरों से कहा गया है कि जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटर्स, डीजे-धुमाल, बैंड वाले, समाज प्रमुखों और जनप्रतिनिधियों की संपर्क बनाए रखें। गांव-गांव में महिला एवं बाल विकास के द्वारा जागरुकता कार्य₹म किए जाएं। जिसमें उनसे बाल विवाह की आशंका होने पर सेवाएं नहीं देने की अपील की जाएगी।
बिना किसी गाइडलाइन के शादियां
कोरोना काल के बाद अब पहली बार बिना किसी गाइडलाइन के शादियां होंगी। इनमें नाबालिगों का विवाह होने की आशंका रहती है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं घर-घर जाकर जन्म से संबंधित दस्तावेज देखकर बालक एवं बालिकाओं की सूची तैयार करेंगी।
इनसे ली जाएगी जानकारी
आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर सूचना तंत्र विकसित किया जाएगा, जिसमें शिक्षक, एएनएम, मितानिन, स्व-सहायता समूह की सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सरपंच, पंच और पंचायत सचिव रहेंगे।