Vat Purnima 2024: वट सावित्री व्रत से वैवाहिक जीवन में आती है सुख-समृद्धि, न्यायधानी में हो रही पूजा
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को तुलसी के पौधे की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी की विधिपूर्वक पूजा करने से धन संबंधित समस्याओं का समाधान होता है और व्यक्ति के कुंडली दोषों में कमी आती है। तुलसी पूजन से आध्यात्मिक शांति, समृद्धि, सौभाग्य और स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
By Dhirendra Kumar Sinha
Publish Date: Fri, 21 Jun 2024 09:30:18 AM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Jun 2024 09:30:18 AM (IST)
फाइल फोटो-वट सावित्री व्रत पूजन करती महिलाएं HighLights
- ज्येष्ठ माह में पूजा-पाठ से मिलता है सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
- तुलसी पूजन का महत्व
- पूजा सामग्री की सूची
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व है, खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए। इस महीने में दो बार वट सावित्री व्रत का पालन किया जाता है, जिसमें त्रिदेवों-ब्रह्मा, विष्णु और महेश की विशेष पूजा का विधान है। इस माह में पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
न्यायधानी में इसे लेकर सुहागिन उत्साहित हैं। इस साल पहला वट सावित्री व्रत छह जून को मनाया गया था। दूसरा व्रत, जो शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है, इस वर्ष 21 जून को मनाया जाएगा। इसे वट पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली की कामना करती हैं। राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पं.रमेश तिवारी के मुताबिक वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं सुबह स्नान कर लाल या पीले वस्त्र धारण करती हैं।
फिर मुहूर्त के अनुसार पूजा सामग्री के साथ पूजा स्थान पर पहुंचती हैं। वट वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करने के बाद पुष्प, अक्षत, भीगा चना, गुड़ और मिठाई चढ़ाई जाती है। वट वृक्ष पर सूत लपेटते हुए सात बार परिक्रमा की जाती है और व्रत की कथा सुनकर व्रत को पूर्ण किया जाता है। इसके बाद अपनी इच्छानुसार दान किया जाता है।
पूजा सामग्री की सूची
वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए बरगद के पेड़ की पूजा का विधान है। यदि आसपास बरगद का पेड़ उपलब्ध न हो, तो इसकी टहनी का उपयोग भी किया जा सकता है। अन्य आवश्यक सामग्री में बांस का पंखा, कलावा या हल्दी में रंगा सूत, मौसमी फल जैसे आम, लीची, तरबूज, अक्षत, केला का पत्ता, पान और तांबे का लोटा शामिल हैं।
भारतीय संस्कृति का प्रतीक
सुहागिन महिलाएं इस दिन विशेष पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के बीच के प्रेम और विश्वास को और मजबूत बनाने का प्रतीक है।