Environment protection: बच्चों को सिखाएं पर्यावरण का मूल्य, बताएं कचरा प्रबंधन
पर्यावरण संरक्षण विशेष: भूतल या सतह जल का उपयोग कम से कम करने का प्रयास करे।
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Thu, 08 Jun 2023 12:54:16 PM (IST)
Updated Date: Thu, 08 Jun 2023 12:54:16 PM (IST)
बिलासपुर। प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है। पर्यावरण संरक्षण से ही हम प्रकृति को सुरक्षित रख सकते हैं। बच्चे इसमें बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं क्योंकि वही हमारी आने वाली नई पीढ़ी है। अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन को चाहिए कि वह बच्चों को पर्यावरण का मूल्य समझाएं। कचरा प्रबंधन सिखाएं।
बच्चों को प्रायोगिक तौर पर पर्यटन क्षेत्रों व वाइल्ड लाइफ से जुड़ी जानकारी दें। उन्हें प्रकृति और वन्य प्राणियों से परिचय कराएं। प्रकृति के संतुलन में उनका कितना योगदान है इस बारे में विस्तार से जानकारी दें। पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले बहुत सारे कचरों में डंप की गई बहुत सी घरेलू सामग्रियां होती है जो कि घरेलू उपयोग में नही होती है, जैसे कि – प्लास्टिक और कांच की बोतेलें, टिन के डिब्बे, टूटे हुए कम्प्यूटर, या अन्य प्लास्टिक की चीजें, कपड़े, इत्यादि। ये सारे अपशिष्ट पदार्थ मिट्टी और पानी में पहुच जाते है। वे वहां वर्षों तक रहते है, और उन्हें प्रदूषित करते है और उनकी गुणवत्ता को हानी पहुंचाते है। यदि हम इन्हें पर्यावरण में फेकने के बजाय इन्हें फिर से रीसायकल करने के आसान से तरीके को अपनाते है तो हम पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक बड़ा काम कर सकते है।
हम सभी शिक्षित है और हम अन्य लोगों को पर्यावरण को कैसे सुरक्षित रखने के लिए जागरुक कर सकते है। युवाओं और बच्चों को सिखाने या पढ़ाने पर विशेष रुप से जोर देना चाहिए। जब युवा बच्चों को पर्यावरण के मूल्यों के बारे में बताया और सिखाया जाता है, तो बड़े होने पर वो इनके महत्व को अच्छी तरह से समझते है। हमें दूसरों को पेड़ लगाने और स्वच्छता अभियान के आयोजनों के लिए अधिक प्रेरित करने की आवश्यकता है।
प्लास्टिक बैग और उसके उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाएं। यह सुनिश्चित करें कि आपके घर के कचरे को सही चैनल के साथ अलग-अलग किया गया है या नहीं। कचरे को फैलने से रोकें और दूसरों को भी इसे रोकने के लिए प्रोत्साहित करें।रासायनिक उर्वरकों और किटनाशकों के उपयोग से बचे और जैविक पदार्थों का उपयोग करें।वाहनों से निकलने वाले घुएं को कम करे, ये हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुचाते है।
जंगलों को बचाएं और पेड़ लगाएं क्योंकि ये पर्यावरण के लिए फेफड़ों जैसा काम करते है। भूतल या सतह जल का उपयोग कम से कम करने का प्रयास करे। कई स्कूल है जो कि स्वच्छता अभियानों में बहुत ही सक्रीय रुप से भाग लेते है। छात्र बहुत ही उर्जा और उत्साह से भरे होते है और ऐसे अभियानों में उनका कार्य बहुत ही अतुलनीय होता है।
डा मंजू माधुरी वाजपेयी
पर्यावरण मित्र