Shiv Temple in CG: स्वंय भू-महादेव पचाेरी, आओ चलें शिव शर्दन को
शिव आराधना से प्रसन्न होकर महादेव जी की कृपा दृष्टि से पुत्र रत्न की प्राप्ति।
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sun, 16 Jul 2023 07:50:34 AM (IST)
Updated Date: Sun, 16 Jul 2023 07:50:34 AM (IST)
Shiv Temple in CG: स्वंय भू-महादेव, पचोरी (चांपा) चांपा के नजदीक सारागांव के पास लगे ग्राम पचोरी में महदैया तालाब में स्थित स्वंय भू-महादेव का मंदिर है। यहां भगवान महादेव आने वाले सभी भक्तों की पुकार सुनते हैं। ऐसी मान्यता है कि सावन में यहां जल चढ़ाने वाले शिवभक्तों की मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि पर गांव में मेले जैसा माहौल रहता है। आसपास गांव सहित दूर-दूर से भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं।
मंदिर का इतिहास ग्रामीणों का कहना है कि उनके पूर्वजों के अनुसार यहां एक कथा प्रचलित है। गांव के मालगुजार पं.मंशाराम पांडेय को एक रात स्वप्न में देवो के देव महादेव दर्शन दिए और बताया कि गांव के मुख्य तालाब में शिवलिंग के रूप में विराजमान हूं। मंशाराम ने मुख्तियार नेंगी द्वारा तालाब में खुदाई प्रारंभ करवाया। जहां उन्हें शिवलिंग दिखा। फिर क्या तालाब में ही मंदिर का निर्माण कराया। -
मंदिर की विशेषता गांव वाले बताते हैं कि कई ऐसे परिवार हैं जो सच्चे और निर्मल भाव से अपने मिन्नतें लेकर महादेव के पास पहुंचते है अपनी व्यथा बताते हैं। भगवान महादेव उनकी पुकार सुनकर समस्या का निवारण करते हैं। यहां आने वाले सभी भक्तों के संकट हर जाते हैं। सावन माह के हर सप्ताह में जल अभिषेक किया जाता है।
बातचीत
सूर्यवंशी समाज से और सूतसारथी समाज से जीवंत प्रमाण आज भी है जिनके स्वजन की शिव आराधना से प्रसन्न होकर महादेव जी की कृपा दृष्टि से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जो आज भी है प्रत्यक्ष प्रमाण है। स्वंय भू-महादेव के कारण गांव में कभी किसी भी प्रकार की विपदा नहीं आई। विजय पांडेय, कीर्ति शेष पं मंशाराम जी के पौत्र, पचोरी चांपा -
बातचीत
गांव में मंहत समाज से एक बाबा रहते थे। पता नहीं उनकी क्या मिन्नतें पूरी हुई थी, पर वो सावन मास लगते ही अपने जिव्हा को काटकर पूरे सावन माहभर मंदिर में ही रहते थे। जिसे मैंने भी स्वयं देखा है। हमारा पूरा परिवार इस मंदिर के लिए समर्पित है। सावन मास भर उस शिवभक्त के लिए शुद्ध घी और दूध आज भी पहुंचता है। पंडित रामलोचन पांडेय, पुजारी